गड्ढों में समा गया कोटद्वार का विकास

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: राज्य गठन के 20 साल बाद भी विकास के नाम पर कोटद्वार के हिस्से में सिर्फ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Nov 2021 05:39 PM (IST) Updated:Mon, 08 Nov 2021 05:39 PM (IST)
गड्ढों में समा गया कोटद्वार का विकास
गड्ढों में समा गया कोटद्वार का विकास

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: राज्य गठन के 20 साल बाद भी विकास के नाम पर कोटद्वार के हिस्से में सिर्फ गड्ढे़ ही आए। कहीं बस अड्डे के नाम पर गड्ढ़ा तो कहीं मेडिकल कालेज के नाम पर गड्ढ़ा। क्षेत्र में एक भी ऐसी सड़क नहीं, जो गड्ढ़ामुक्त हो। पिछले 20 साल में कण्वाश्रम में राष्ट्रीय धरोहर के रूप में विकसित करने की बातें कई मर्तबा हुई, लेकिन कण्वाश्रम आज भी विकास को तरस रहा है। हालांकि इन बरसों में भूमि की खरीद-फरोख्त का कारोबार अवश्य बढ़ा। आलम यह रहा कि प्रापर्टी डीलरों ने कई जगह सरकारी जमीनों पर भी कब्जे कर दिए। स्थिति यह है कि आज सरकारी योजनाओं के लिए भी भूमि के लाले पड़ रहे हैं।

प्रदेश राज्य गठन की 21वीं वर्षगांठ मना रहा है। इतने बरसों में कोटद्वार क्षेत्र की बात करें तो क्षेत्र में कंक्रीट का जंगल तो विकसित हुआ, लेकिन, विकास के नाम पर स्थिति शून्य है। प्रत्येक चुनाव में क्षेत्र में मेडिकल कालेज, कण्वाश्रम को राष्ट्रीय धरोहर बनाने, लालढांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग का डामरीकरण करने सहित कई अन्य घोषणाएं राजनैतिक दलों ने की। लेकिन, लालढांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग के डामरीकरण के अलावा अन्य तमाम घोषणाएं आज भी फाइलों में ही बंद हैं।

यह हैं वर्षों पुरानी मांग

कोटद्वार क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय, मोटर नगर में अंतरराज्यीय बस अड्डा निर्माण, कोटद्वार जिला निर्माण, क्षेत्र में पार्किंग स्थल बनाने, क्षेत्र की सड़कों को अतिक्रमणमुक्त करने सहित कई अन्य मांगें वर्षों से उठ रही हैं। लेकिन, आज तक इन मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। मोटर नगर में अंतरराज्यीय बस अड्डा निर्माण के नाम पर आठ वर्ष पूर्व खोदा गया गड्ढ़ा आज भी क्षेत्र को मुंह चिढ़ा रहा है। मेडिकल कालेज के लिए भूमि का चयन तो किया गया है, लेकिन भूमि किसके अधिकार क्षेत्र में है, इसकी जानकारी सिस्टम को भी नहीं है। कण्वाश्रम के नाम पर घोषणाएं तो बड़ी-बड़ी हुई, लेकिन धरातल पर आज भी कण्वाश्रम में पसरी वीरानी राजनैतिक वादों पर सवाल उठाती नजर आती है।

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