.. तो लुट गई रैन-बसेरा के नाम से जारी रकम

कोटद्वार में नगर निगम के रैन बसेरा निर्माण कार्य को झटका लग सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Aug 2021 03:00 AM (IST) Updated:Mon, 09 Aug 2021 03:00 AM (IST)
.. तो लुट गई रैन-बसेरा के नाम से जारी रकम
.. तो लुट गई रैन-बसेरा के नाम से जारी रकम

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: कोटद्वार में नगर निगम के रैन बसेरा निर्माण कार्य को झटका लग सकता है। दरअसल, नगर निगम के जिस खाते से बदमाशों ने फर्जी चेक व जाली हस्ताक्षरों के जरिये लाखों की धनराशि उड़ा दी, रैन बसेरा निर्माण की धनराशि उसी खाते में मौजूद थी। जून माह के अंत में शासन ने नगर निगम को यह धनराशि अवमुक्त की थी।

कोटद्वार नगर निगम के बैंक आफ इंडिया में खाते से 25 जून से 21 जुलाई के मध्य अलग-अलग तिथियों पर लाखों की धनराशि आहरित कर दी गई। नगर आयुक्त पीएल शाह की तहरीर पर पुलिस ने छह संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, पता चला कि अपराधी इस कदर शातिर रहे कि उन्होंने न सिर्फ आयुक्त व लेखाकार के जाली हस्ताक्षर किए, बल्कि चेक बुक ही नकली बनवा दी। जिस खाते से धनराशि आहरित की गई, उस खाते में नगर निगम की अवस्थापना निधि का धन आता है। निगम सूत्रों की मानें तो वर्ष 2018 में काबीना मंत्री डा. हरक सिंह रावत की ओर से करीब चालीस कार्यों के लिए नगर निगम को अवस्थापना निधि में डेढ़ करोड़ से अधिक धनराशि अवमुक्त करवाई गई थी। इस धनराशि से हुए कई कार्यों का भुगतान पूर्व में हो गया था व पिछले लंबे समय से यह खाता निष्क्रिय पड़ा था।

इस बीच नगर निगम की ओर से शासन में रैन बसेरा निर्माण के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर स्वीकृति की मोहर लग गई। साथ ही शासन ने रैन बसेरा निर्माण के लिए चालीस लाख की धनराशि भी अवमुक्त कर दी। जून माह के अंत में यह धनराशि भी बैंक आफ इंडिया के इसी खाते में आई। माना जा रहा है कि बदमाशों की ओर से आहरित की गई धनराशि में वह राशि भी शामिल है, जो रैन बसेरा निर्माण के लिए दी गई थी। हालांकि, अभी मामले की जांच जारी है व नगर निगम के साथ ही पुलिस को भी यकीन है कि जल्द ही ठगी गई धनराशि को बरामद कर दिया जाएगा।

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यह है पूरी योजना

नगर निगम की ओर से रैन बसेरा निर्माण के लिए मालगोदाम रोड तिराहे पर दशकों पूर्व बने कांजी हाउस को जमींदोज कर यहां रैन बसेरा निर्माण की योजना बनाई है। कांजी हाउस पिछले कई साल से निष्प्रयोज्य पड़ा है व प्रयोग में न आने के कारण खंडहर बन चुका है। रैन बसेरा निर्माण के लिए शासन ने 98 लाख की धनराशि स्वीकृत करते हुए नगर निगम को प्रथम चरण में चालीस लाख की धनराशि अवमुक्त की है।

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