...तो पौड़ी परिसर में बंद होंगे अधिकांश पीजी पाठ्यक्रम, जानिए वजह

गढ़वाल विवि प्रशासन का कहना है कि दस से कम छात्र संख्या वाले पीजी पाठ्यक्रमों को बंद करने का निर्णय लिया गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 08 Dec 2019 04:39 PM (IST) Updated:Sun, 08 Dec 2019 04:39 PM (IST)
...तो पौड़ी परिसर में बंद होंगे अधिकांश पीजी पाठ्यक्रम, जानिए वजह
...तो पौड़ी परिसर में बंद होंगे अधिकांश पीजी पाठ्यक्रम, जानिए वजह

पौड़ी, राजीव खत्री। गढ़वाल विवि प्रशासन का एक निर्णय पौड़ी परिसर पर भारी पड़ सकता है। विवि प्रशासन ने 10 से कम छात्र संख्या वाले पीजी पाठ्यक्रमों को बंद करने का निर्णय लिया है। विवि प्रशासन का कहना है कि इस संबंध में विद्या परिषद की बैठक में प्रस्ताव पास कर लिया गया है। वहीं पौड़ी परिसर में करीब आधा दर्जन पीजी पाठ्यक्रम ऐसे हैं, जिनमें छात्रों की संख्या 10 से कम हैं। ऐसे मे नए शिक्षा सत्र में इन पाठ्यक्रमों के बंद होने का संकट पैदा हो सकता है। 

गढ़वाल विवि के पौड़ी परिसर में अंग्रेजी, समाज शास्त्र, इतिहास, संस्कृत, भूगोल समेत कुछ अन्य पीजी पाठ्यक्रमों में छात्रों की संख्या 10 से कम बताई जा रही है। शिक्षकों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे पौड़ी और टिहरी के कुछ पीजी पाठ्यक्रमों में छात्रों की संख्या लगातार गिर रही है। विवि के नए निर्णय के अनुसार पौड़ी परिसर में इन पाठ्यक्रमों के नए शिक्षा सत्र में बंद होने की आशंका है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पूर्व विवि के डीन और विभागाध्यक्षों की बैठक में कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने ऐसे पाठ्यक्रमों को बंद करने का फरमान जारी किया है।

वहीं, छात्रों ने विवि प्रशासन के इस निर्णय पर कड़ा आक्रोश जताया है। एनएसयूआइ के प्रदेश सचिव मोहित ङ्क्षसह, छात्रसंघ अध्यक्ष आस्कर रावत, सचिव गोपाल सिंह ने कहा कि परिसरों में छात्रों की संख्या विवि की उपेक्षा से घटी है। विवि पौड़ी परिसर में न तो शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति कर रहा है और न ही छात्रों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। छात्रों का कहना है कि परिसरों को समाप्त करने की कोशिश कर रहा है, जिसका घोर विरोध किया जाएगा।  

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गढ़वाल विवि के उप कुलसचिव एचएम आजाद ने बताया कि 10 से कम छात्र संख्या वाले पीजी पाठ्यक्रमों को बंद किए जाने संबंधी प्रस्ताव बीते 23 अक्टूबर की विद्या परिषद की बैठक में पास किया गया है। 10 से कम छात्र संख्या वले पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष भी निर्णय ले सकेंगे। 

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