मांगें न मानने से नाराज महिलाएं फिर चढ़ी पेड़ पर

संवाद सहयोगी, पौड़ी: जनपद मुख्यालय पौड़ी में चिह्नित आंदोलनकारी दो महिलाएं एक बार फिर पेड़ पर चढ़ गई

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 10:00 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 10:00 PM (IST)
मांगें न मानने से नाराज महिलाएं फिर चढ़ी पेड़ पर
मांगें न मानने से नाराज महिलाएं फिर चढ़ी पेड़ पर

संवाद सहयोगी, पौड़ी: जनपद मुख्यालय पौड़ी में चिह्नित आंदोलनकारी दो महिलाएं एक बार फिर पेड़ पर चढ़ गईं। एक सप्ताह पूर्व भी दो महिलाएं पेड़ पर चढ़ी थी, जो बाद में प्रशासन के आश्वासन पर उतरी थीं। प्रशासन ने आंदोलनकारियों की मांग पर कार्रवाई के लिए एक सप्ताह का समय दिया था। निर्धारित समयावधि में कोई कार्रवाई न होने पर आंदोलनकारी महिलाएं फिर पेड़ पर चढ़ गईं। हालांकि एक आंदोलनकारी का स्वास्थ्य खराब होने पर सायं पांच बजे पेड़ से उतरीं, वहीं दूसरी आंदोलनकारी महिला अपर जिलाधिकारी के आश्वासन पर पेड़ से सायं सात बजे उतर गईं। दोनों महिलाओं को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया।

शुक्रवार को जिला मुख्यालय पौड़ी में सुबह करीब 7 बजे आंदोलनकारी महिला सुषमा भंडारी व कांति देवी डीएम कार्यालय परिसर के बाहर देवदार के पेड़ पर चढ़ गईं। साथी आंदोलनकारी महिलाओं ने धारा रोड पर जाम लगा दिया। आंदोलनकारी महिलाओं ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। एसडीएम सदर एसएस राणा ने आंदोलनकारी महिलाओं से उनकी समस्याओं के समाधान के लिए 15 दिन का समय दिए जाने की अपील की। आंदोलनकारी महिलाओं ने सिरे से नकार दिया। इस दौरान एडीएम डॉ. एसके बनवाल व एसडीएम सदर एसएस राणा से कई दौर की वार्ता आंदोलनकारी महिलाओं से हुई, लेकिन आंदोलनकारी पेंशन व चिह्नीकरण की मांग के समाधान पर अड़े रहे। हालांकि सुषमा भंडारी की तबीयत बिगड़ने पर करीब शाम पांच बजे पांच बजे वह पेड़ से उतरी। उन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय पौड़ी में भर्ती किया गया। वहीं दूसरी आंदोलनकारी कांति देवी पेड़ पर ही चढ़ी रहीं। अपर जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद यह महिला भी उतरी गई। पूर्व में 12 जनवरी को कांति देवी व रेवती देवी मांगों के समाधान को लेकर पेड़ पर चढ़ी थी। चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति की प्रदेश महासचिव बीरा भंडारी ने कहा कि जनपद पौड़ी में 139 चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों को पेंशन नहीं दी जा रही है। 824 आंदोलनकारियों ने चिह्नीकरण के लिए आवेदन किया है, लेकिन शासन-प्रशासन ने फाइल दबाकर रखी है। कहा 115 दिनों से आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन उनकी उपेक्षा ही कर रहा है। भंडारी ने कहा कि 12 जनवरी को प्रशासन ने एक सप्ताह का समय समस्याओं के समाधान के लिए मांगा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। जब आज फिर आंदोलनकारी पेड़ पर चढ़ गई तो प्रशासन प्रशासन फिर से 15 दिनों की मांग कर रहा है। भंडारी ने कहा कि समस्याओं का समाधान नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान कोतवाल विनोद गुसाईं, आंदोलनकारी युद्धवीर सिंह रावत, झाबर सिंह रावत, रीना चौहान, सावित्री देवी, कमला रावत, शकुंतला देवी, पीतांबरी देवी सहित अन्य महिलाएं शामिल रही। फोटो-22पीएयूपी-2,3

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