'सब्बी लग्यां जुगाड़ मा, जनता जाए भाड़ मा'

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By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 06:38 PM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 06:38 PM (IST)
'सब्बी लग्यां जुगाड़ मा, जनता जाए भाड़ मा'
'सब्बी लग्यां जुगाड़ मा, जनता जाए भाड़ मा'

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: 'सब्बी लग्यां जुगाड़ मा, जनता जाए भाड़ मा..'। कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक संरक्षण में रीवर ट्रेनिग के नाम पर बढ़ रहे खनन कारोबार पर यह कहावत पूरी तरह सटीक बैठती है। जिस जनता को बरसात में बाढ़ सुरक्षा देने के नाम पर नदियों में खनन शुरू करवाया गया, आज उसी खनन की बदौलत बस्तियां कब नदियों की भेंट चढ़ जाएं, कहा नहीं जा सकता। रीवर ट्रेनिग के तमाम मानकों को ताक पर रखकर जिस तरह पट्टाधारकों ने नदियों को काफी गहराई तक खोद डाला है, उससे नदियों से सटी बस्तियों में भूस्खलन का खतरा पैदा हो गया है।

रीवर ट्रेनिग के मानकों के अनुसार, नदियों से डेढ़ मीटर गहराई तक उपखनिज निकाला जाना था। लेकिन, खनन पट्टाधारकों ने उपखनिज निकालने के बाद नदी से मिट्टी भी निकालनी शुरू कर दी। आलम यह रहा कि नदियों को 10-12 मीटर गहराई तक खोद दिया गया। ताजा मामला भाबर क्षेत्र के अंतर्गत तेलीस्त्रोत गदेरे का है, जहां खनन के नाम पर नदी में इस कदर गहरे गड्ढे कर दिए गए कि गदेरे से लगी बस्तियों पर उजड़ने का खतरा मंडराने लगा है। नदी में पूर्व में बनाई गई बाढ़ सुरक्षा दीवारें भी ढहने के कगार पर पहुंच गई हैं। राजस्व क्षेत्र छोड़िए, खननकारी बड़ी-बड़ी मशीनें व डंपर लेकर वन क्षेत्र में घुसने लगे हैं। बताना जरूरी है कि तेलीस्त्रोत गदेरे पर बरसात से पूर्व खनन पट्टा जारी किया गया था। लेकिन, तय समय तक निर्धारित उपखनिज निकल पाने के कारण पट्टाधारक ने बरसात के बाद पुन: चुगान की अनुमति ली और बड़ी मशीनें लगाकर उपखनिज निकालने का कार्य शुरू किया।

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क्षेत्रीय जनता भी परेशान

नदियों में हो रहे खनन के चलते क्षेत्र की जनता भी खासी परेशान है। दरअसल, एक ओर जहां नदियों में गहरे गड्ढे होने के कारण नदियों से लगी काश्त भूमि और बस्तियों को खतरा पैदा हो गया है। वहीं, भारी-भरकम डंपरों की वजह से क्षेत्र में तमाम सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं। उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाले उपखनिज से लदे डंपरों के कारण नजीबाबाद-कोटद्वार के बीच हाईवे बदहाल है। नतीजा, पिछले एक महीने में डंपर की चपेट में आने से एक व्यक्ति की जान चली गई, जबकि डंपरों के कारण तीन दुर्घटनाएं हुई।

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कोटद्वार में कार्यभार संभालने के बाद अवैध खनन की शिकायतों के चलते नदियों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। प्रथम दृष्टया रीवर ट्रेनिग मानकों की अनदेखी सामने आई है। किस कारण नदियों में मानकों की अनदेखी की गई, यह जांच का विषय है। पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी। साथ ही अवैध खनन के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगी।

संदीप कुमार, उपजिलाधिकारी, कोटद्वार

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