Coronavirus: तंत्र पर सवाल: क्वारंटाइन सेंटर में मौत के लिए कौन जिम्मेदार Pauri News

पौड़ी में क्वारंटाइन सेंटर में एक के बाद एक हो रही मौतों ने सरकारी सिस्टम के उन दावों पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले 19 दिनों में आठ प्रवासी क्वारंटाइन सेंटरों में दम तोड़ चुके हैं।

By Edited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 03:00 AM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 10:27 AM (IST)
Coronavirus: तंत्र पर सवाल: क्वारंटाइन सेंटर में मौत के लिए कौन जिम्मेदार Pauri News
Coronavirus: तंत्र पर सवाल: क्वारंटाइन सेंटर में मौत के लिए कौन जिम्मेदार Pauri News

कोटद्वार, जेएनएन। जनपद पौड़ी में क्वारंटाइन सेंटर में एक के बाद एक हो रही मौतों ने सरकारी सिस्टम के उन दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनमें क्वारंटाइन सेंटरों में रुके प्रवासियों की नियमित स्वास्थ्य जांच कराने की बात कही जा रही है। इसके विपरीत धरातल में जिन आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई है, उनके हाथों में सिस्टम ने थर्मल स्क्रीनिंग थर्मामीटर तक नहीं दिए हैं। सवाल यह है कि आखिर चेहरा देख कर आशा कार्यकर्ता किस तरह किसी प्रवासी के स्वास्थ्य की जांच करेंगी। उधर, पाबौ ब्लॉक निवासी व्यक्ति की क्वारंटाइन अवधि पूरी करने के दो दिन बाद 31 मई को मौत हो गई थी। जिसे प्रशासन क्वारंटाइन अवधि में मौत नहीं मान रहा।

जनपद पौड़ी में 16 मई से शुरू हुआ क्वारंटाइन सेंटरों में रुके प्रवासियों की मौत का सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी रहा। इस पिछले उन्नीस दिनों में आठ प्रवासी क्वारंटाइन सेंटरों में दम तोड़ चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य महकमे ने आज तक क्वारंटाइन सेंटरों में हो रही इन मौतों की वजह तलाशने की जरूरत नहीं महसूस की। अलबत्ता, प्रत्येक मौत के पीछे किसी न किसी बीमारी को अवश्य जोड़ अपने कर्तव्यों से अवश्य पल्ला झाड़ दिया।

महकमा इन मौतों को लेकर किस तरह बेपरवाह रहा, इसका अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि आठ मौतों में से मात्र दो मृतकों की ही महकमे ने कोरोना जांच करवाई।

खाली हाथ आशा, आशा भरोसे सरकार

जनपद पौड़ी की 1174 ग्राम पंचायतों में 21 मार्च से तीन जून तक 53345 प्रवासी वापस अपने घरों में लौटे हैं। इनमें से 621 को पंचायत भवनों में, 9343 को स्कूलों में, 247 को महिला मिलन केंद्रों में और 1090 को अन्य खाली पड़े मकानों में क्वारंटाइन किया गया। इसके अलावा 9128 लोग होम क्वारंटाइन में हैं, जबकि 1216 को इंटर कॉलेजों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में रखे गए हैं।

पिछले एक माह में जिले में 39522 प्रवासी घर वापस लौटे। प्रवासियों की स्वास्थ्य जांच एक अदद थर्मल स्क्रीनिंग थर्मामीटर की रीडिंग पर ही निर्भर है। वहीं, महकमे ने आशा कार्यकर्ताओं को थर्मल स्क्रीनिंग थर्मामीटर तक नहीं दिया गया है।

फोटोः दुगड्डा प्रखंड में एक क्वारंटाइन सेंटर में बोतल से रोटियां बेलता प्रवासी।

प्रशासन ने बताया प्राकृतिक मौत 

पौड़ी के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के मुताबिक, क्वारंटाइन अवधि के दौरान जो भी मौत हुई हैं, वह प्राकृतिक मौत हैं। जिले में तमाम चिकित्सकों को प्रवासियों के स्वास्थ्य जांच के निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सक अपनी जांच रिपोर्ट ब्लाक स्तर पर गठित टीम को सौंपेंगे।

सीएमओ पौड़ी का तर्क 

सीएमओ पौड़ी डॉ. मनोज कुमार बहुखंडी के अनुसार, कोरोना संक्रमण को लेकर केंद्र की ओर से जारी गाइड लाइन के अनुरूप मृतक की मेडिकल हिस्ट्री जानने के बाद ही कोरोना जांच सैंपल करवाया जाता है। जिले में अभी तक जो भी मौत हुई, उनकी मेडिकल हिस्ट्री थी। दो मामले संदिग्ध थे। इस कारण उनके कोरोना जांच सैंपल लिए गए। इनमें से एक पॉजिटिव आया। प्रवासियों के स्वास्थ्य पर नजर रखने को टीमें बनाई गई हैं। स्वास्थ्य में किसी भी तरह की परेशानी होने पर तत्काल सूचना चिकित्सक को देने के निर्देश दिए गए हैं।

..तो नहीं हो रहा स्वास्थ्य परीक्षण

जिलाधिकारी कार्यालय से 25 मई को जारी एक आदेश में समस्त प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सकों को जारी पत्र में स्पष्ट कहा गया कि क्वारंटाइन में रह रहे प्रवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं किया जा रहा है। पत्र में कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ता व एएनएम ही सेंटरों का निरीक्षण कर रहे हैं। पत्र में प्रवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर इसकी रिपोर्ट बीआरटी व सीआरटी टीमों को देने के निर्देश दिए गए।

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मौतों के कारण जानना बेहद जरूरी 

जिला पौड़ी के कोविड प्रभारी मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के अनुसार, क्वारंटाइन सेंटरों में लगातार हो रही मौतों का कारण जानना बेहद जरूरी है। जिलाधिकारी को क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों की नियमित चेकिंग करवाने के निर्देश दिए गए हैं। फेफड़े व हार्ट से संबंधित बीमार प्रवासियों को चिकित्सालय में भर्ती करने को कहा गया है। आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं को जल्द ही थर्मल स्क्रीनिंग थर्मामीटर दे दिए जाएंगे।

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