बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे अभिभावक
देश में कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी दी गई है। यह लहर बचों के लिए काफी घातक बताई जा रही है। ऐसे में अभिभावक अपने बचों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं।
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: देश में कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी दी गई है। यह लहर बच्चों के लिए काफी घातक बताई जा रही है। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। स्थिति यह है कि मंगलवार को दूसरे दिन भी क्षेत्र के विद्यालयों में बहुत कम छात्र संख्या दिखाई दी। शत-प्रतिशत छात्रों के नहीं पहुंचने से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
शासन के निर्देश के बाद सोमवार से कक्षा नौ से 12वीं तक के छात्रों के लिए विद्यालय खोले गए। विद्यालय खुलने से पहले सभी कक्षाओं को सैनिटाइज किया गया। बच्चों में शारीरिक दूरी बनी रहें इसके लिए अतिरिक्त कक्षाओं में बैठने की व्यवस्था बनाई गई। बावजूद इसके छात्र विद्यालय नहीं पहुंच रहे। पहले दिन जहां सरकारी विद्यालयों में छात्र संख्या पचास प्रतिशत थी। वहीं, दूसरे दिन यह घटकर चालीस प्रतिशत हो गई। अभिभावकों में अब भी कोरोना संक्रमण को लेकर खौफ बना हुआ है।
अभिभावक कमल सिंह ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर अभी कम भी नहीं हुई और सरकार ने विद्यालयों को खोलने के निर्देश दे दिए। ऐसे में छात्रों को खतरा हो सकता है। छात्र एक दूसरे के संपर्क में आने से संक्रमित हो सकते हैं। अभिभावक रचना देवी ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को पहले दिन विद्यालय में भेजा था, लेकिन सरकार विद्यालयों में गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए उन्होंने स्थिति सामान्य नहीं होने तक बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया।
शिक्षा व्यवस्था हो रही प्रभावित
विद्यालय नहीं खुलने तक कई सरकारी स्कूल आनलाइन क्लास चला रहे थे, लेकिन अब कई विद्यालयों ने कक्षा नौ से 12-वीं तक के बच्चों की ऑनलाइन क्लास बंद कर दी गई है। शिक्षक केवल कक्षाओं में छात्रों को पढ़ा रहे हैं। ऐसे में जो छात्र विद्यालय नहीं आ रहे हैं उनकी शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। ऐसी स्थिति में अभिभावकों के समक्ष दोहरी समस्या खड़ी हो गई है।
संदेश : 03 कोटपी 4
कोटद्वार के राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार में छात्रों को पढ़ाती शिक्षिका