नालियों पर कब्जे, सड़क बनी नालियां
नगर निगम क्षेत्र में सरकारी संपत्ति पर हुए अवैध कब्जे किस कदर भारी पड़ते हैं।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: नगर निगम क्षेत्र में सरकारी संपत्ति पर हुए अवैध कब्जे किस कदर भारी पड़ते हैं। बरसाती पानी की निकासी के लिए सड़क किनारे बनी नालियों पर निर्माण का नतीजा है कि मामूली बारिश में ही सड़कें नालियों में तब्दील हो जाती हैं। नगर निगम की ओर से बरसात में नालियों से अवैध कब्जे हटाने की बात तो कही जाती है, लेकिन बरसात गुजरते ही दावे भी हवा हो जाते हैं।
बारिश के मौसम में कोटद्वार क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग सहित तमाम सड़कें बरसाती नाले समान नजर आती हैं। दरअसल, शहर में बरसाती पानी के ड्रेनेज की कोई व्यवस्था नहीं है। ध्रुवपुर, शिवपुर, कालाबड़, सत्तीचौड़, घमंडपुर, पदमपुर सहित कई अन्य क्षेत्रों में यह पानी आमजन के घरों में घुसता है। परेशानी यह है कि पानी की निकासी के लिए बनाई गई नालियों में अवैध कब्जे कर दिए गए हैं। पूर्व में नहरों से बरसाती पानी खेतों में पहुंच जाता था, लेकिन खेत खत्म हुई तो नहरें भी कंक्रीट के जंगलों के बीच गायब हो गई। हालात यह हैं कि गली-मोहल्लों में बरसाती पानी की निकासी के लिए कहीं कोई व्यवस्था नहीं है।
नहर हुई भूमिगत, बढ़ गई समस्या
कोटद्वार क्षेत्र में बाई व दांयी खोह नहर को करीब डेढ़ दशक पूर्व भूमिगत कर दिया गया। सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए इस नहर को भूमिगत किया गया। सड़क तो चौड़ी हो गई, लेकिन सड़क की चौड़ीकरण आमजन के लिए परेशानी का सबब बन गई है। दरअसल, पूर्व में बरसात का पानी नहर से होकर सुखरो नदी की ओर चला जाता था, लेकिन नहर बंद होने के बाद पूरा पानी सड़कों से होकर घरों में घुस रहा है।
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शहर में बरसाती पानी की ड्रेनेज बड़ी समस्या है। ड्रेनेज सिस्टम फेल होने का मुख्य कारण नालियों में हुआ अवैध अतिक्रमण है। अवर अभियंता को नालियों में अतिक्रमण चिह्नित करने को कहा गया है। नालियां साफ होने के बाद समस्या का काफी हद तक निराकरण हो जाएगा।
हेमलता नेगी, महापौर, कोटद्वार नगर निगम