टाइगर सफारी पहुंची एनटीसीए, किया निरीक्षण

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की टीम ने कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट की पाखरो रेंज में निर्माणाधीन टाइगर सफारी का स्थलीय निरीक्षण किया। टीम टाइगर सफारी क्षेत्र में दस हजार पेड़ काटे जाने संबंधी मामले की जांच को आई थी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 10:54 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 10:54 PM (IST)
टाइगर सफारी पहुंची एनटीसीए, किया निरीक्षण
टाइगर सफारी पहुंची एनटीसीए, किया निरीक्षण

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की टीम ने कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट की पाखरो रेंज में निर्माणाधीन टाइगर सफारी का स्थलीय निरीक्षण किया। टीम टाइगर सफारी क्षेत्र में दस हजार पेड़ काटे जाने संबंधी मामले की जांच को आई थी।

पिछले दिनों पाखरो रेंज के अंतर्गत 106 हेक्टेयर में बन रही टाइगर सफारी में 163 पेड़ों की अनुमति की आड़ में दस हजार पेड़ काटे जाने का मामला प्रकाश में आया था। मामला प्रकाश में आते ही प्रदेश व केंद्र सरकार में हड़कंप मच गया। हालांकि, विभागीय जांच में दस हजार पेड़ काटे जाने की पुष्टि नहीं हुई। इस बीच सोमवार शाम कालागढ़ से एनटीसीए की टीम पाखरो पहुंची और टाइगर सफारी स्थल की निरीक्षण किया। प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी किशन चंद ने बताया कि तीन सदस्यीय इस टीम में एनटीसीए के एआइजी के अलावा सेवानिवृत्त प्रमुख वन संरक्षक शैलेश प्रसाद, आरके सिंह शामिल रहे।

बताया कि टीम ने टाइगर सफारी क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही दस्तावेजों की भी जांच की। बताया कि 106 हेक्टेयर के इस क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों के 3706 पेड़ मौजूद हैं। बताया कि पाखरो पहुंचने से पूर्व टीम ने कालागढ़-पाखरो के मध्य हुए निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। बताते चलें कि कालागढ़-पाखरो मार्ग पर अवैधानिक तरीके से पुल निर्माण किए जाने संबंधी याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल की गई है। डीएफओ किशन चंद ने बताया कि पर्यटकों की आवाजाही के लिए कालागढ़-नर्सरी चौकी के मध्य जलभराव वाले क्षेत्र में पांच छोटे कल्वर्ट बनाए गए हैं, जिन्हें पुल बताया गया है। बताया कि इस बारे में भी टीम के समक्ष तमाम दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।

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