बस अड्डे पर सूख रहे यात्रियों के हलक
जागरण संवाददाता, पौड़ी: मंडल मुख्यालय स्थित मुख्य बस अड्डे से हर रोज गढ़वाल मंडल के पहाड़ी जनपदों के अ
जागरण संवाददाता, पौड़ी: मंडल मुख्यालय स्थित मुख्य बस अड्डे से हर रोज गढ़वाल मंडल के पहाड़ी जनपदों के अलावा मैदानी क्षेत्रों के लिए वाहन संचालित होते हैं। जाहिर है कि ऐसे ही अन्य जनपदों से भी इस रूट से वाहनों की आवाजाही होती होगी, लेकिन ¨चतनीय पहलू यह है कि मुख्यालय के बस अड्डे पर यात्रियों की सुविधा के लिए पीने के पानी की सार्वजनिक व्यवस्था नहीं है। ऐसे में जरूरतमंद यात्रियों को या तो होटल के भरोसे प्यास बुझानी पड़ती है या फिर दुकानों से पानी खरीदना पड़ता है।
बस स्टेशन पौड़ी से कोटद्वार, रामनगर, श्रीनगर, धुमाकोट, थलीसैंण, त्रिपालीसैंण, कल्जीखाल और बैजरो आदि के अलावा दूसरे जनपदों को बसें संचालित होती हैं। मंडल मुख्यालय होने के कारण दूसरे जनपदों से भी आए दिन कर्मचारी यहां विभागीय कार्यों से आते रहते हैं। इसके अलावा, कोटद्वार से पहाड़ी जनपदों के लिए संचालित होने वाले वाहन भी यहीं से होकर गुजरते हैं, जिनका कुछ समय बस स्टेशन पर ठहराव भी होता है। इतना ही नहीं देहरादून से जनपद के विभिन्न क्षेत्रों को संचालित वाहन भी यहीं से होकर गुजरते हैं, लेकिन इतनी महत्ता होने के बावजूद बस अड्डे पर राहगीरों और यात्रियों के लिए बस स्टैंड पर पीने के पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। एक हैंडपंप है, वह भी जबाव देने लगा है। खास बात यह है कि यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई है। लेकिन बुनियादी सुविधा का यह हाल खास कर बस स्टेशन पर पानी की सुविधा का अभाव सिस्टम पर सवाल खड़ा करने वाला है। खुद स्थानीय लोग भी मानते हैं कि बस स्टेशन पर पानी की समुचित व्यवस्था तो होनी ही चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता जगत किशोर बड़थ्वाल का कहना है कि बस अड्डे पर पानी का न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि यह तो प्राथमिकता होनी चाहिए।
पौड़ी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक नमन चंदोला का कहना है कि मुख्यालय के बस स्टेशन पर पानी की व्यवस्था न होने से यात्रियों को काफी परेशानी होती है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके गुप्ता ने माना कि जनहित में पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। कहा कि बस अडडे पर एक हैंडपंप है और इस संबंध में यदि प्रस्ताव आता है तो कार्ययोजना बनाई जाएगी।