निरोगी रहने को प्राकृतिक चिकित्सा आवश्यक

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन की पहल पर भारत सरक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 10:57 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 10:57 PM (IST)
निरोगी रहने को प्राकृतिक चिकित्सा आवश्यक
निरोगी रहने को प्राकृतिक चिकित्सा आवश्यक

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल :

अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन की पहल पर भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और सूर्या फाउंडेशन के सहयोग से गढ़वाल केंद्रीय विवि के चौरास परिसर स्थित योग विभाग में प्राकृतिक चिकित्सा दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए गए। योग विभाग के प्रशिक्षक डॉ. विनोद नौटियाल और डॉ. रजनी नौटियाल ने छात्र-छात्राओं को प्राकृतिक चिकित्सा के उपयोग और महत्ता की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में 125 छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की। इस दौरान प्राकृतिक चिकित्सा के विभिन्न आयामों का प्रदर्शन भी किया गया।

डॉ.विनोद नौटियाल ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा सरल, सुलभ और कम खर्चीली होती है। जल, मिट्टी, वायु, अग्नि के साथ ही सूर्य की किरणें, उपवास, मालिश के माध्यम से प्राकृतिक चिकित्सा होती है। सूर्य की किरणों का उपयोग विभिन्न रंग की कांच की बोतल में पानी भरकर बोतलों को सूर्य की किरणों से एक-दो दिन तप्त करवाकर उपयोग में लाए जाने से वह जल औषधि भी बन जाता है। लाल रंग की बोतल का ऐसा जल निम्न रक्तचाप, गठिया का भी इलाज होता है। अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन ने प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार-प्रसार को लेकर पौड़ी और टिहरी जिले के समन्वयक और प्रभारी का दायित्व डॉ. विनोद नौटियाल और डॉ. रजनी नौटियाल को सौंपा।

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