गढ़वाल विवि के लैंग्वेज लैब प्रोजेक्ट को डब्ल्यूएचओ की स्वीकृति

गढ़वाल केंद्रीय विवि के अंग्रेजी आधुनिक यूरोपीय भाषा विभाग के अंतर्गत संचालित लैंग्वेज लैब के एक प्रोजेक्ट को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्वीकृति देते हुए फंडिग करने का भी निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 10:22 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 10:23 PM (IST)
गढ़वाल विवि के लैंग्वेज लैब प्रोजेक्ट को डब्ल्यूएचओ की स्वीकृति
गढ़वाल विवि के लैंग्वेज लैब प्रोजेक्ट को डब्ल्यूएचओ की स्वीकृति

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: गढ़वाल केंद्रीय विवि के अंग्रेजी, आधुनिक यूरोपीय भाषा विभाग के अंतर्गत संचालित लैंग्वेज लैब के एक प्रोजेक्ट को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्वीकृति देते हुए फंडिग करने का भी निर्णय लिया है। प्रोजेक्ट के तहत स्थानीय बोली में स्वास्थ्य संबंधित जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। सबसे पहले गढ़वाली और इसके बाद कुमाऊंनी और जौनसारी में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके अलावा कोविड 19 टीकाकरण को लेकर भी ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता लाई जाएगी।

डब्ल्यूएचओ ने प्रोजेक्ट को सम सामयिक और उपयोगी श्रेणी का मानते हुए स्वीकृति दी है। गढ़वाल केंद्रीय विवि अंग्रेजी और आधुनिक यूरोपीय भाषा विभाग की सहायक प्रोफेसर डा. आरुषि उनियाल प्रोजेक्ट की को आर्डिनेटर हैं। उनकी पहल से यह प्रोजेक्ट डब्ल्यूएचओ को भेजा गया था। कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने इस उपलब्धि के लिए लैंग्वेज लैब से जुड़ी सभी फैकल्टियों, कर्मचारियों और विशेषकर डा. आरुषि उनियाल को बधाई दी है। कहा कि युवा फैकल्टियों की पहल और प्रयासों से विश्वविद्यालय को नई-नई उपलब्धियां प्राप्त होने का क्रम जारी है।

प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर डा. आरुषि उनियाल ने कहा कि पहले चरण में गढ़वाली में कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके बाद जौनसारी और कुमाऊंनी भी जागरूकता कार्यक्रम बनेंगे। सलाहकार प्रो. मोनिका गुप्ता ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ विवि का समन्वय होना गढ़वाल केंद्रीय विवि के लिए ही नहीं, वरन क्षेत्र के लिए भी एक विशिष्ट उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि विविध भाषाओं को लेकर कार्य और शोध करने का लाभ भी छात्रों को मिलेगा। प्रोजेक्ट के माध्यम से स्थानीय बोली की उपयोगिता और महत्व को लेकर भी सर्वे होने के साथ ही नई-नई जानकारियां भी प्राप्त होंगी।

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