झंडीचौड़ में आटोमेटेड ड्राइविग ट्रैक के लिए भूमि चयनित

आखिरकार कोटद्वार क्षेत्र में आटोमेटेड टेस्टिग लेन व ड्राइविग ट्रैक के लिए भूमि मिल गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 10:19 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 10:19 PM (IST)
झंडीचौड़ में आटोमेटेड ड्राइविग ट्रैक के लिए भूमि चयनित
झंडीचौड़ में आटोमेटेड ड्राइविग ट्रैक के लिए भूमि चयनित

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: आखिरकार कोटद्वार क्षेत्र में आटोमेटेड टेस्टिग लेन व ड्राइविग ट्रैक के लिए भूमि मिल गई। बुधवार शाम प्रशासन व परिवहन विभाग की संयुक्त टीम ने झंडीचौड़ पश्चिमी में चयनित भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया। इसके लिए 1.214 हेक्टेयर भूमि स्वीकृत हुई है।

वर्ष 2014 में केंद्र ने 'प्रोजेक्ट फार एस्टेबेलिशमेंट ऑफ इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर फॉर मोटर व्हेकल्स' के नाम से योजना शुरू की। योजना के तहत प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर आटोमेटिक टेस्टिग लेन व ड्राइविग ट्रैक बनाए जाने थे। कोटद्वार में भी आटोमेटिक टेस्टिग लेन व ड्राइविग ट्रैक बनना था, लेकिन इस योजना के लिए भूमि नहीं मिली थी। योजना के तहत परिवहन विभाग को छह हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता थी, जो कि क्षेत्र में कहीं मुहैया नहीं हो पा रही थी। करीब सात वर्ष के लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर केंद्र ने इस योजना की सुध ली। जिसके बाद उत्तराखंड शासन ने स्थानीय प्रशासन को उक्त योजना के लिए भूमि मुहैया कराने के निर्देश दिए।

एसडीएम योगेश मेहरा ने बताया कि शासन के जारी निर्देशों के बाद क्षेत्र में आटोमेटिक टेस्टिग लेन व ड्राइविग ट्रैक के लिए पश्चिमी झंडीचौड़ में भूमि का चयन किया गया है। बताया कि बुधवार शाम उप संभागीय परिवहन अधिकारी आरएस कटारिया के साथ चयनित भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया गया। बताया कि स्थलीय निरीक्षण के उपरांत रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी।

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यह होंगे फायदे

करीब दो सौ करोड़ की इस योजना के तहत बनने वाले टेस्टिग लेन का उपयोग वाहनों की फिटनेस जांचने के लिए होगा। कंप्यूटरीकृत इस प्रणाली के दौरान वाहन को ट्रैक पर दौड़ना होता है व ट्रैक पर लगे सेंसर वाहन की पूरी स्थिति की जानकारी स्वयं दे देते हैं। ड्राइविग लेन के जरिये लाइसेंस जारी करने के पूर्व आवेदक की न सिर्फ परीक्षा ली जाती है, बल्कि समय-समय पर वाहन संचालन का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

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