लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग को फिर कसरत

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग का भविष्य जल्द ही तय होने जा रहा है। केंद

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Mar 2021 10:23 PM (IST) Updated:Mon, 22 Mar 2021 10:23 PM (IST)
लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग को फिर कसरत
लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग को फिर कसरत

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग का भविष्य जल्द ही तय होने जा रहा है। केंद्र की चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने वन मोटर मार्ग का निरीक्षण शुरू कर दिया है। समिति मार्ग निर्माण में आ रही तकनीकी परेशानी का निरीक्षण कर उनके समाधान पर विचार करेगी।

लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग पर वर्ष 2019 में पुल निर्माण कार्य शुरू हुआ। निर्माण कार्य शुरू होने के कुछ दिन बाद ही दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उत्तराखंड शासन पर लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग में वन कानूनों की अनदेखी का आरोप लगाया। सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्यों पर रोक लगाते हुए उत्तराखंड शासन से मामले में जवाब दाखिल करने को कहा। उत्तराखंड शासन की ओर से दाखिल जवाब पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सेंट्रल इंपावर कमेटी (सीईसी) को मार्ग का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए। 23 जुलाई 2019 को कोर्ट के निर्देश पर सीईसी की एक टीम ने मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया और रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सड़क निर्माण से पूर्व केंद्र से सड़क निर्माण की स्वीकृति के निर्देश दे दिए।

इसके बाद प्रदेश सरकार ने लालढांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग को लेकर नए सिरे से केंद्र में प्रस्ताव भेजा। इसी प्रस्ताव के आधार पर केंद्र की चार-सदस्यीय टीम तीन दिवसीय सर्वे के लिए रविवार को लालढांग पहुंच गई। मुख्य वन संरक्षक (गढ़वाल) सुधांशु पटनायक के नेतृत्व में राष्ट्रीय वन्यजीव सलाहकार बोर्ड के हाथी विशेषज्ञ डॉ. सुकुमार, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के एआइजी हेमंत कामड़ी, वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के डॉ. जीवी गोपी और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वीवी पाठक लालढांग पहुंचे। टीम ने करीब चार घंटे तक वन क्षेत्र में पड़ने वाले इस मार्ग के साढ़े आठ किलोमीटर हिस्से का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने ठंडा स्रोत, चमरिया स्त्रोत, सिगड्डी स्त्रोत व मैली स्त्रोत का भी जायजा लिया। इस क्षेत्र से हाथियों की आवाजाही होती है। टीम ने छोटे वन्य जीवों और रेंगने वाले जीवों को ध्यान में रख सड़क बनाने की योजना पर भी विचार किया। प्रभागीय वनाधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि तीन दिवसीय सर्वे के दौरान टीम उन तमाम बिदुओं पर गौर कर रही है, जिनसे सड़क को सुरक्षित बनाया जा सके। साथ ही सड़क निर्माण से वन्यजीवों के जीवन में दखल न हो। बताया कि मंगलवार को भी टीम मार्ग का निरीक्षण करेगी।

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