होम्योपैथिक अधिकारियों को भी दें गृह जनपद में तैनाती

होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को भी उनके गृह जनपद में तैनाती दी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Apr 2021 07:06 PM (IST) Updated:Mon, 05 Apr 2021 07:06 PM (IST)
होम्योपैथिक अधिकारियों को  भी दें गृह जनपद में तैनाती
होम्योपैथिक अधिकारियों को भी दें गृह जनपद में तैनाती

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को भी उनके गृह जनपद में तैनाती के अवसर मिलने चाहिए। एलोपैथिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों को उनके मूल जनपद में तैनाती मिलती रही है।

प्रांतीय होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा संघ के महासचिव और उपजिला अस्पताल श्रीनगर के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. शैलेंद्र प्रकाश ममगाई ने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को भी अन्य संवर्ग के चिकित्सा अधिकारियों की भांति यह सुविधा मिलने से संबंधित जनपद के सुगम के साथ ही दुर्गम क्षेत्र में भी स्वास्थ्य की सुविधा लोगों को मिलेगी। उन्होंने कहा कि देहरादून में संगठन की हुई बैठक में इस मामले में निर्णय लेने के बाद संगठन की ओर से इसी मुद्दे को लेकर एक ज्ञापन भी आयुष विभाग के सचिव को दिया गया है।

डॉ. ममगाई ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसी होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी हैं, जो अपने मूल जनपद के दुर्गम क्षेत्रों के चिकित्सालयों में भी सेवा देना चाहते हैं। चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि इस व्यवस्था से दुर्गम क्षेत्र के लोगों को भी बेहतर चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। कहा कि अनिवार्य वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम की धारा 17 की उपधारा दो (क) के प्रावधानों के अनुसार क और ख श्रेणी के अधिकारियों को उनके मूल गृह जनपद में तैनात नहीं किए जाने का जो प्रावधान है, वह होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों पर भी लागू हो रहा है। जबकि ऐलोपैथिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों को उनके मूल जनपद में तैनाती मिलती रही है। डा. ममगाई ने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों के इस अनुरोध से प्रदेश के आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा के निदेशक को भी अवगत कराया गया है। ऐसे स्थानांतरण होने पर सरकार पर कोई वित्तीय बोझ भी नहीं पड़ेगा।

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