अंतिम वेतन 80 हजार, पेंशन मिल रही 12 सौ
नई पेंशन योजना को कर्मचारियों ने उनके साथ भद्दा मजाक बताया है।
संवाद सहयोगी, पौड़ी: नई पेंशन योजना को कर्मचारियों ने उनके साथ भद्दा मजाक बताया है। कर्मचारियों का कहना है कि नई पेंशन योजना से उनका भविष्य असुरक्षित हो गया है। कर्मचारी नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग के लिए लंबे समय से आंदोलित भी हैं।
नई पेंशन योजना के प्रति कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ रहा है। एनपीएस के तहत पेंशन पा रहे कर्मचारियों का कहना है कि सेवानिवृत्ति के बाद जीवन यापन करने में मुश्किलें बढ़ रही है। पेंशन के नाम पर उन्हें नाममात्र की धनराशि मिल रही है। इससे दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति भी संभव नहीं है। कर्मचारियों का कहना है कि मात्र पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले जनप्रतिनिधियों को पेंशन के नाम पर मोटी धनराशि दी जा रही है। जीवन का अधिकांश समय सरकारी सेवा में गुजारने वालों के साथ पेंशन के नाम पर भद्दा मजाक किया जा रहा है। -एनपीएस लागू कर कर्मचारियों के भविष्य को अंधकारमय कर दिया है। कर्मचारी अब सरकारी सेवा में भी अपने भविष्य को असुरक्षित महसूस कर रहा है। पुरानी पेंशन योजना बहाली के लिए लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। पुरानी पेंशन योजना के लिए आंदोलन जारी रहेगा।
सीताराम पोखरियाल, प्रदेश महासचिव, राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा। केस 1. त्रिमूर्ति सिंह नेगी
अंतिम वेतन: 80 हजार
सेवाकाल :14 वर्ष
एनपीएस पेंशन: 1272 केस 2: सुभाष चंद्र डबराल
अंतिम वेतन: 78 हजार
सेवाकाल : 14 साल
एनपीएस: 1182