बेखौफ हुए खननकारी, पुल की नींव खोदी

संवाद सहयोगी, कोटद्वार: प्रशासन के लाख दावों के बावजूद क्षेत्र की नदियों में अवैध खनन नहीं रुक रहा ह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 10:33 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 10:33 PM (IST)
बेखौफ हुए खननकारी, पुल की नींव खोदी
बेखौफ हुए खननकारी, पुल की नींव खोदी

संवाद सहयोगी, कोटद्वार: प्रशासन के लाख दावों के बावजूद क्षेत्र की नदियों में अवैध खनन नहीं रुक रहा है। स्थिति यह है कि खननकारियों ने खोह नदी में ग्रास्टनगंज से गाड़ीघाट को जोड़ने के लिए बनाए गए पुल की नींव तक खोद डाली है। क्षेत्रवासियों की शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। नतीजा खननकारियों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं।

वर्ष 2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ग्रास्टनगंज से गाड़ीघाट को जोड़ने के लिए 90 मीटर स्पान के डबल लेन मोटर पुल को स्वीकृति दी थी। पुल निर्माण के लिए करीब 4.04 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। वर्ष 2017 तक पुल निर्माण का कार्य पूरा हो गया था, लेकिन अब खननकारियों के कारनामों के चलते पुल पर खतरा मंडराने लगा है। हालत यह हैं कि खननकारी खोह नदी में खनन करते हुए पुल की जड़ तक पहुंच गए हैं। गाड़ीघाट निवासी मुन्ना सिंह ने बताया कि खनन मजदूर सुबह ही नदियों में उतर जाते हैं। दिनभर बेखौफ नदियों से रेता उठाकर एक जगह एकत्रित किया जाता है, जिसके बाद खननकारी रात के अंधेरे में ट्रैक्टरों से उसे उठाकर ले जाते हैं। पूरी रात नदी में खनन चलता रहता है। समस्या से क्षेत्रवासी कई बार प्रशासन को भी अवगत करवा चुके हैं, लेकिन आज तक कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर झांकने नहीं पहुंचा।

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खच्चरों से एकत्र किया जा रहा रेत

दिन के उजाले में नदियों में खच्चर उतारकर उन पर लादकर रेत नदियों के किनारे एकत्रित किया जाता है, जिसके बाद रात के समय ट्रैक्टर से उस रेत को उठाकर बेचने के लिए भेजा जाता है। खोह नदी के आसपास कई मजदूर व उनका परिवार नदी में रेत-बजरी उठाते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं। जबकि, इन दिनों बरसात के कारण नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। स्थिति देखकर लगता है मानो जिदगी से बड़ी रेत की कीमत हो गई है।

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