घर बैठे संभावनाओं के द्वार खोलता उद्यमी

चुनौती जितनी बड़ी होंगी आगे बढ़ने के अवसर उतने ही अधिक होंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 08:50 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 08:50 PM (IST)
घर बैठे संभावनाओं के द्वार खोलता उद्यमी
घर बैठे संभावनाओं के द्वार खोलता उद्यमी

अजय खंतवाल, कोटद्वार

'चुनौती जितनी बड़ी होंगी, आगे बढ़ने के अवसर उतने ही अधिक होंगे'- इसी विचार के साथ चार वर्ष जर्मनी, जापान व आबूधाबी में सेवाएं देने के बाद शैवाल रावत वापस अपने वतन लौट आए। पौड़ी जिले के विकास नगर-कोटद्वार निवासी इस 40-वर्षीय उद्यमी ने घर वापस लौटकर खुद को इतना काबिल बनाया कि आज वह दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। देहरादून से बीटेक व एमसीए शैवाल को विदेश में जो कटु अनुभव मिले, उन्होंने उनकी दुनिया ही बदल दी।

वर्ष 2014 में कोटद्वार वापस लौटकर शैवाल ने करीब एक वर्ष तक गढ़वाल मंडल में कई स्थानों का भ्रमण कर रोजगार के अवसर तलाशे। इस दौरान उन्होंने पाया कि गढ़वाल में विश्व प्रसिद्ध चारधाम मौजूद हैं, लेकिन चारधाम की स्मृति के नाम पर यात्री व पर्यटकों को सिर्फ इन मंदिर के फोटो ही मिल पाते हैं। सो, उन्होंने 'डिजिटल कर्व' नाम से अपनी फर्म बनाई और अपने सहयोगी अमन भट्ट के साथ चारधाम मंदिरों के थ्री-डी मॉडल बनाने शुरू कर दिए। प्रयास रंग लाया और जल्द ही शैवाल के तैयार किए गए चारधाम मंदिरों के थ्री-डी मॉडल यात्री व पर्यटकों को भाने लगे। यात्रा रूट के साथ ही दिल्ली सहित कई अन्य शहरों से भी मंदिरों के मॉडल की डिमांड आने लगी। लेकिन, लॉकडाउन के दौरान चारधाम यात्रा बंद रही तो मंदिरों की डिमांड भी कम हो गई।

इसी बीच पांच अगस्त 2020 को जब अयोध्या में श्रीराम मंदिर की नींव रखी गई तो कोटद्वार में शैवाल ने भी अपने सहयोगी के साथ राम मंदिर के मॉडल पर कार्य करना शुरू कर दिया। मंदिर के डिजाइन का विस्तृत अध्ययन किया गया और फिर नवंबर 2020 में टीम ने राम मंदिर का पहला थ्री-डी मॉडल तैयार कर बाजार में उतारा, जो काफी पसंद किया गया। इसके बाद तो राम मंदिर के मॉडल की अच्छी-खासी डिमांड आने लगी। यही वजह है कि बीते छह महीने में शैवाल की टीम देश के अलग-अलग हिस्सों में राम मंदिर के 800 से अधिक मॉडल भेज चुकी है।

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मंदिर के चार तरह के मॉडल कर रहे तैयार

वर्तमान में शैवाल राम मंदिर के चार तरह के मॉडल तैयार रहे हैं। जिनकी कीमत दो हजार रुपये से लेकर सात हजार रुपये तक है। शुरुआत में लकड़ी की कटिग के लिए भी उन्होंने स्वयं ही एक छोटी मशीन तैयार की। बाद में बैंक से ऋण लेकर बड़ी लेजर कटिंग मशीन मंगवाई गई। उनके कार्यों को उद्योग विभाग के अधिकारियों ने भी सराहा और उन्हें स्वरोजगार के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ दिया।

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15 महिलाओं को मिल रहा रोजगार

लकड़ी से तैयार राम मंदिर के यह मॉडल न केवल कोटद्वार को देशभर में अलग पहचान दे रहे हैं, बल्कि इससे 15 महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार भी मिल रहा है। कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जो घर पर ही मंदिरों के मॉडल तैयार करती हैं। शैवाल बताते हैं कि शुरुआती दौर में आर्थिक रूप से उन्हें थोड़ा परेशानी हुई, लेकिन अपनी इच्छा के अनुरूप कार्य करने की आजादी थी। वक्त के साथ हालात सुधरते चले गए और वर्तमान में वो वे स्वयं के साथ ही अन्य को भी रोजगार दे रहे हैं।

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फोटो परिचय

02केओटीपी 6ए : कोटद्वार में राम मंदिर के प्रतिरूप तैयार करती महिलाएं।

02केओटीपी 7 : कोटद्वार में तैयार किया गया राम मंदिर का मॉडल।

02केओटीपी 8 : शैवाल रावत।

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