घर में ही अता होगी ईद-उल-अजहा की नमाज
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: ईद-उल-अजहा के मद्देनजर शनिवार को प्रशासन ने पीस कमेटी की बैठक ली। इस दौरा
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: ईद-उल-अजहा के मद्देनजर शनिवार को प्रशासन ने पीस कमेटी की बैठक ली। इस दौरान तय किया गया कि कोरोना संक्रमण के चलते ईद की नमाज मस्जिदों की बजाय घर में ही अता की जाएगी। प्रशासन ने सभी से ईद के मौके पर शांति व सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने का आग्रह किया।
तहसील सभागार में आयोजित बैठक में उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन के अनुसार किसी भी स्थान पर 50 से अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं हो सकते। लेकिन, ईद की नमाज के लिए मात्र 50 व्यक्तियों को मस्जिद अथवा ईदगाह में आमंत्रित किया जाना संभव नहीं है। ऐसे में बेहतर यही है कि ईद की नमाज घरों में ही अता हो। पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी ने कहा कि ईद के मौके पर दी जाने वाली कुर्बानी के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि जानवर का खून अथवा अवशिष्ट अंग खुले में नजर न आए। इस पर मो. यासीन ने अवशिष्ट हिस्सों को खुले में फेंकने के बजाय गड्ढे में दबाने का सुझाव दिया, जिसका सबने स्वागत किया। एसडीएम ने बताया कि मुस्लिम बहुल क्षेत्र में विद्युत व पेयजल आपूर्ति की अनवरत बहाली के लिए जल संस्थान व ऊर्जा निगम को निर्देशित किया गया है। साथ ही जल संस्थान व नगर निगम को संबंधित क्षेत्रों में पेयजल टैंकरों की सफाई व्यवस्था के निर्देश दिए गए। नगर निगम के सफाई निरीक्षक सुनील कुमार ने बताया कि ईद के मौके पर पूरे क्षेत्र में नगर निगम की ओर से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाएगा।
बैठक में तहसीलदार विकास अवस्थी, नायब तहसीलदार दिगंबर सिंह नेगी, कोतवाली प्रभारी नरेंद्र सिंह बिष्ट, जल संस्थान के सहायक अभियंता बीआर चौधरी, जामा मस्जिद कोटद्वार के अध्यक्ष हाजी मो. यासीन, मदनी मस्जिद के कारी नूर आलम, व्यापार मंडल अध्यक्ष महेंद्र बिष्ट, मो.शहनवाज, नफीस अहमद मंसूरी, शहजाद अहमद सहित अन्य मौजूद रहे।
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..और बैठक में हो गया हंगामा
शनिवार को संपन्न हुई बैठक में एक व्यक्ति ने बताया कि कोरोना के चलते आमजन आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। ऐसे में कई लोग ऐसे होंगे जो ईद पर कुर्बानी नहीं दे पाएंगे। बताया कि सात व्यक्ति मिलकर एक भैंस की कुर्बानी दे सकते हैं। उक्त व्यक्ति की इस बात पर बैठक में हंगामा हो गया। एसडीएम योगेश मेहरा व सीओ अनिल जोशी ने किसी तरह सबको शांत किया। साथ ही उक्त व्यक्ति से इस तरह के सुझाव न देने की भी गुजारिश की।