गाड़ीघाट में मुक्ति के द्वार श्मशानघाट पर गंदगी का ग्रहण

संवाद सहयोगी, कोटद्वार: गाड़ीघाट में खोह नदी के तट पर बना अस्थायी ट्रेंचिग ग्राउंड क्षेत्रवासियों के

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Feb 2021 05:58 PM (IST) Updated:Tue, 16 Feb 2021 05:58 PM (IST)
गाड़ीघाट में मुक्ति के द्वार श्मशानघाट पर गंदगी का ग्रहण
गाड़ीघाट में मुक्ति के द्वार श्मशानघाट पर गंदगी का ग्रहण

संवाद सहयोगी, कोटद्वार: गाड़ीघाट में खोह नदी के तट पर बना अस्थायी ट्रेंचिग ग्राउंड क्षेत्रवासियों के लिए सिरदर्द बन गया है। हालत यह है कि ग्राउंड के पूरी तरह भर जाने के बाद अब नगर निगम ने मुक्तिधाम के प्रवेश द्वार पर ही कूड़े के पहाड़ खड़े करना शुरू कर दिया है। कूड़े के ढेर से उठने वाली दुर्गंध के कारण शवदाह करने के लिए पहुंचने वालों को परेशानी का सामाना करना पड़ रहा है।

खोह नदी के तट पर बने मुक्तिधाम (श्मशानघाट) में हर रोज शवदाह होते हैं, लेकिन वर्तमान में मुक्ति के इस द्वार पर गंदगी का ग्रहण लगा हुआ है। हालत यह है कि नगर निगम हर रोज 40 वार्डो का कूड़ा एकत्रित कर मुक्तिधाम के गेट के बाहर डाल देता है। नतीजा दुर्गंध के कारण शवदाह के लिए पहुंचे व्यक्तियों का सांस लेना भी दूभर हो जाता है। कई बार क्षेत्रवासियों को कूड़े के ऊपर से होकर शव को श्मशानघाट तक लेकर जाना पड़ता है। पूर्व में मुक्तिधाम का संचालन करने वाली संस्था प्रवेश द्वार से कूड़ा नहीं हटाए जाने पर श्मशान घाट में तालाबंदी की चेतावनी भी दे चुकी है, लेकिन इसके बाद भी नगर निगम व प्रशासन ने सुध नहीं ली।

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संक्रामक बीमारियों के फैलने का अंदेशा

गाड़ीघाट क्षेत्र में आबादी के बीच बने अस्थायी ट्रेंचिग ग्राउंड से आसपास रहने वाले परिवारों को संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है। कुंभीचौड़ निवासी महेंद्र सिंह ने बताया कि कई बार नगर निगम मरे हुए जानवरों को भी ट्रेंचिग ग्राउंड में डाल देता है। नतीजा दुर्गंध के कारण परिवारों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। क्षेत्रवासियों ने ट्रेंचिग ग्राउंड को आबादी से बाहर बनाने की मांग की है। उधर, नगर आयुक्त पीएल शाह ने बताया कि कूड़े के निस्तारण का कार्य चल रहा है। वहीं, स्थायी ट्रेंचिग ग्राउंड के लिए भूमि की तलाश भी की जा रही है।

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