सूखी नहरें, खेत सूखे, काश्तकार परेशान
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: लघु सिचाई विभाग की लापरवाह कार्यशैली के चलते दुगड्डा ब्लाक के अंतर्गत कई
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: लघु सिचाई विभाग की लापरवाह कार्यशैली के चलते दुगड्डा ब्लाक के अंतर्गत कई गांव में खेत बंजर हैं। दरअसल, लघु सिचाई विभाग की ओर से सिचाई नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। नतीजा, खेत सूखे पड़े हैं और काश्तकार को फसल बुआई की चिता सता रही है।
दुगड्डा ब्लाक के अंतर्गत ऐता, सरड़ा, सकाली, जोग्याणा, गोरिया, भानकोट, तुस्याणी सहित कई गांवों में लघु सिचाई की नहरों के जरिए काश्तकारों के खेतों तक पानी पहुंचता है।बीते लंबे समय से विभागीय नहरें बंद पड़ी हैं, जिस कारण खेतों को पानी नहीं मिल रहा व खेत सूखे पड़े हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में इन दिनों काश्तकार खेतों को गेहूं की रोपाई के साथ ही मसूर, मटर, आलू, प्याज, लहसुन के लिए तैयार कर रहा है, लेकिन पानी न मिलने के कारण खेत पूरी तरह सूख चुके हैं। काश्तकार बीना देवी, शिवदयाल बौंठियाल, सतीश नेगी, दीपक सिंह, महेंद्र सिंह नेगी, रघुनाथ सिंह सहित कई अन्य काश्तकारों ने बताया कि एक ओर सरकार खेती को बढ़ावा देने की बात कह रही है, वहीं दूसरी ओर खेत पानी के लिए तरस रहे हैं। बिना पानी के खेती किस तरह की जाएगी, यह सरकार व विभाग को सोचना चाहिए। कहा कि लघु सिचाई विभाग को कई मर्तबा नहरों की मरम्मत के लिए कहा गया, लेकिन आज भी स्थिति पूर्ववत है।
सांसद प्रतिनिधि सुदीप बौंठियाल ने विभाग से लघु सिचाई योजनाओं को सौर ऊर्जा चलित बनाने की मांग की है। कहा कि तमाम हाईड्रम सौरऊर्जा चलित हों, ताकि काश्तकारों को पानी की समस्या न झेलनी पड़ी। इधर, लघु सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजीव रंजन ने बताया कि हाईड्रमों की मरम्मत के लिए शासन से धनराशि अवमुक्त हुई है, लेकिन नहरों की मरम्मत के लिए बजट जारी नहीं हुआ है। कहा कि नहरों की मरम्मत के लिए बजट मिलते ही नहरों की मरम्मत करवाई जाएगी। फिलहाल हाईड्रमों की मरम्मत का कार्य शुरु किया जा रहा है।
संदेश : 2 कोटपी 8
दुगड्डा से बह रही खोह नदी, जहां से आसपास के गांवों में सिचाई जल आपूर्ति होती है।