अतिक्रमण में भेदभाव, बड़े व्यापारियों पर मेहरबानी
संवाद सहयोगी कोटद्वार भले ही नगर निगम शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के लाख दावे कर रहा
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: भले ही नगर निगम शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के लाख दावे कर रहा हो, लेकिन हकीकत यह है कि निगम अतिक्रमण हटाने में भी भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है। स्थिति यह है कि नगर निगम का अभियान केवल रेहड़ी-ठेलियों के खिलाफ कार्रवाई तक ही सिमटकर रह गया है। जबकि, झंडा चौक से स्टेशन रोड तक पूरी सड़क अतिक्रमण से पटी हुई है।
शहर में कई मुख्य सड़कों पर अतिक्रमण नासूर बनता जा रहा है। सड़क पर सजी दुकानों के कारण आमजन का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। सबसे बुरी स्थिति झंडा चौक से स्टेशन रोड तक बनी हुई है। यहां अधिकांश मोबाइल और बर्तन व्यापारियों ने अपनी दुकानें सड़क पर ही सजा दी हैं। स्टेशन रोड पर बसों को आवाजाही के लिए पर्याप्त मार्ग नहीं मिल पाता। नतीजा हर समय दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। कई बार गश्त पर चलने वाले पुलिस कर्मी और निगम अधिकारी यह सब देखने के बाद भी मुंह फेर लेते हैं। यह सब देखकर लगता है मानो झंडा चौक से स्टेशन रोड तक के व्यापारियों के लिए कोई नियम कानून ही नहीं बनाए गए हैं।
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अक्सर लगता है जाम
स्टेशन रोड पर ही उत्तराखंड परिवहन निगम के कोटद्वार डिपो का बस अड्डा भी है। साथ ही यहां जीएमओयू का भी बस अड्डा है। ऐसे में विभिन्न स्थानों से वापस लौटते समय बसें झंडा चौक से होते हुए स्टेशन रोड पर पहुंचती हैं, लेकिन सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण के कारण बस को निकलने के लिए पर्याप्त रास्ता नहीं मिल पाता। ऐसे में सड़क पर घंटों जाम की स्थिति बनी रहती है।
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शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए निगम की विशेष टीम गठित की गई है। जल्द ही झंडा चौक से स्टेशन रोड तक भी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा।
किशन सिंह नेगी, नगर आयुक्त, नगर निगम कोटद्वार