निगम बजा रहा भोंपू, कोर्ट की तैयारी में व्यापारी
उच्च न्यायालय की ओर से अतिक्रमण हटाए जाने संबंधी आदेश जारी हो गए हैं।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: उच्च न्यायालय की ओर से अतिक्रमण हटाए जाने संबंधी आदेश जारी होने के बाद नगर निगम प्रशासन पिछले चार दिनों से क्षेत्र में लाउडस्पीकर के जरिये लगातार व्यापारियों से अतिक्रमण हटाने की गुजारिश कर रहा है। इधर, व्यापारी न्यायालय के इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में जाने की तैयारी में हैं।
बीती 18 नवंबर को उच्च न्यायालय की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही नगर निगम की नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी हुए थे। आदेश मिलने के बाद नगर निगम ने अतिक्रमणकारियों की फाइलें खंगालना शुरू कर दिया। नगर निगम की ओर से क्षेत्र में 137 अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं। अतिक्रमणकारियों को निर्णय की जानकारी देते के लिए निगम प्रशासन ने बुधवार को जगह-जगह नोटिस चस्पा कर तीन दिन के भीतर चिह्नित अतिक्रमण को हटाने के निर्देश जारी कर दिए। साथ ही लाउडस्पीकर के जरिये भी अतिक्रमण हटाने की गुजारिश की। नगर निगम की ओर से कहा जा रहा है कि यदि अतिक्रमणकारी की ओर से स्वयं अतिक्रमण न हटाया गया तो नगर निगम प्रशासन अतिक्रमण हटाएगा। इस दौरान जो भी व्यय होगा, उसे अतिक्रमणकारी से ही वसूला जाएगा।
इधर, उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा की ओर से क्षेत्र में अतिक्रमण चिह्नित करने के लिए तीन टीमों का गठन कर दिया। टीमें सोमवार से क्षेत्र में अतिक्रमण चिह्निकरण का कार्य शुरू करेंगी। दूसरी ओर, व्यापारी इस निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने की तैयारी में है। वरिष्ठ अधिवक्ता शरद गुप्ता ने बताया कि पूरे वाद के दौरान व्यापारियों को नहीं सुना गया, जबकि इस निर्णय से व्यापारी ही प्रभावित होगा। बताया कि दो-तीन दिन में उच्च न्यायालय में अपील दाखिल कर दी जाएगी।