निर्माण अधूरा, सिस्टम पर टिकी निगाहें
जागरण संवाददाता कोटद्वार शासन की ओर से जिला विकास प्राधिकरण में दी गई रियायत आमजन के
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: शासन की ओर से जिला विकास प्राधिकरण में दी गई रियायत आमजन के गले पड़ गई है। दरअसल, सरकार ने जिला विकास प्राधिकरण को स्थगित करते हुए नक्शे पास कराने की बाध्यता समाप्त कर दी। इसके बाद बगैर नक्शा पास करवाए निर्माण कार्य शुरू हो गए। लेकिन, बीते अक्टूबर माह में उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बगैर नक्शा पास किए हो रहे निर्माण कार्य को अवैध घोषित कर नगर निगम को अवैध निर्माण रोकने के निर्देश जारी कर दिए। इसके बाद नगर निगम बगैर नक्शा पास निर्माण कार्य करवा रहे व्यक्तियों को नोटिस जारी कर रहा है। इधर, आमजन की निगाहें सरकार व नगर निगम की ओर से दिए जाने वाले हलफनामे पर टिकी है।
बताते चलें कि वर्ष 2017 में शासन ने प्रदेश में कई स्थानों पर जिला प्राधिकरण लागू कर दिया। प्राधिकरण लागू होने के बाद कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत तमाम आवासीय और अनावासीय भवनों के निर्माण को नक्शा पास कराना जरूरी हो गया। आमजन ने इसका विरोध किया, जिसके बाद बीते वर्ष जुलाई माह में संपन्न हुई कैबिनेट बैठक में जिला विकास प्राधिकरण को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। साथ ही नक्शा पास करवाने की बाध्यता भी समाप्त कर दी गई। क्षेत्र में बगैर नक्शा पास किए धड़ल्ले से निर्माण शुरू हो गए। इस बीच बीते अक्टूबर माह में क्षेत्र में बगैर नक्शा पास किए हो रहे निर्माण कार्यों को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई। न्यायालय ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोटद्वार नगर निगम को अवैध निर्माण रोकने के निर्देश जारी कर दिए। साथ ही सभी पक्षों को 24 नवंबर से पूर्व मामले में हलफनामा दाखिल करने को कहा गया। आमजन की नजरें अब सरकार की ओर से दाखिल किए जाने वाले जवाब पर टिकी है। बताना जरूरी है कि वर्तमान में कोटद्वार क्षेत्र में एक हजार से अधिक स्थानों पर छोटे-बड़े निर्माण कार्य जारी हैं।