जलवायु परिवर्तन से पहाड़ की जैव विविधता भी प्रभावित : प्रो. एएन पुरोहित

त्तराखंड का भौगोलिक स्वरूप और प्राकृतिक छटा स्विटजरलैंड से बेहतर है। हमें उत्तराखंड के प्राकृतिक और पर्यावरण सौंदर्य के संरक्षण और संव‌र्द्धन को प्राथमिकता भी देनी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 11:15 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 11:15 PM (IST)
जलवायु परिवर्तन से पहाड़ की जैव विविधता भी प्रभावित : प्रो. एएन पुरोहित
जलवायु परिवर्तन से पहाड़ की जैव विविधता भी प्रभावित : प्रो. एएन पुरोहित

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल :

उत्तराखंड का भौगोलिक स्वरूप और प्राकृतिक छटा स्विटजरलैंड से बेहतर है। हमें उत्तराखंड के प्राकृतिक और पर्यावरण सौंदर्य के संरक्षण और संव‌र्द्धन को प्राथमिकता भी देनी है। हिमालय और पर्यावरण को लेकर गढ़वाल केंद्रीय विवि के भूगोल विभाग की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित करते हुए वनस्पति विज्ञानी और गढ़वाल विवि के पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो. आदित्य नारायण पुरोहित ने ये बातें कहीं।

प्रो. पुरोहित ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है और यह परिवर्तन पहाड़ की जैव विविधता को भी प्रभावित कर रहा है। यह सभी परिवर्तन मानव जाति के लिए एक चेतावनी भी है। भविष्य को सुरक्षित रखने को लेकर हमें सचेत होना होगा।

अध्यक्षता करते हुए गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण संव‌र्द्धन को ²ष्टिगत रख कर ही मानव जनित गतिविधियां होनी जरूरी है। विकास और पर्यावरण को एक-दूसरे का पूरक भी बनाना है। प्रकृति के अनुरूप और प्रकृति से सामंजस्य के साथ विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने से हम जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों से भी निपट सकते हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय साउथ बिहार गया के कुलपति प्रो. केएन सिंह ने कहा कि पर्यावरण के बिगड़ते जा रहे स्वरूप को हमें बचाना है। मानव जाति के हित में यह जरूरी भी है। बनारस हिदू यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी, आस्ट्रेलिया सरकार में स्वास्थ्य सलाहकार प्रो. मोहन सिंह नेगी, त्रिभुवन यूनिवर्सिटी काठमांडू के प्रो. एचएल कोइराला, पर्यावरण विज्ञान एवं इंजीनियरिग विवि नेपाल के प्रो. वीडब्ल्यू पांडे, कनाडा से प्रो. वीर सिंह, रायल सोसायटी भूटान के कार्यकारी निदेशक प्रो. किनले, कुमाऊं विवि नैनीताल के भूगोल विभाग अध्यक्ष प्रो. आरके पांडे आदि ने भी विचार व्यक्त किए। इस दौरान वेबिनार के संयोजक और गढ़वाल केंद्रीय विवि में भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो. महावीर सिंह नेगी, प्रो. मोहन सिंह पंवार आदि शामिल रहे।

फोटो - 9 एस.आर.आई.-2

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