शहर लबालब, फाइलों में ड्रेनेज

जागरण संवाददाता कोटद्वार कोटद्वार क्षेत्र नगर पालिका से उच्चीकृत होकर नगर निगम तो बन गया

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 03:00 AM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 03:00 AM (IST)
शहर लबालब, फाइलों में ड्रेनेज
शहर लबालब, फाइलों में ड्रेनेज

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: कोटद्वार क्षेत्र नगर पालिका से उच्चीकृत होकर नगर निगम तो बन गया, लेकिन विकास के लिए आज भी आमजन के समक्ष समस्याएं मुंह फैलाए खड़ी हैं। इन्हीं में से एक समस्या बरसाती पानी के ड्रेनेज की है, जिसका आज तक समाधान नहीं हो पाया है। नतीजा, मामूली बारिश में ही शहर की सड़कें नदियों में तब्दील हो जाती हैं।

मामूली बारिश और सड़कें पानी से लबालब। नगर की हृदय स्थली झंडाचौक तालाब सरीखा नजर आने लगता है। स्टेशन रोड पर मानो पूरी नदी बह रही हो और काशीरामपुर तल्ला क्षेत्र के वाशिदों के लिए बरसात का मतलब घर की बर्बादी। यह तस्वीर है कोटद्वार में ड्रेनेज सिस्टम की। नगर पालिका का कार्यकाल रहा हो अथवा नगर निगम का, ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सिर्फ बातें ही की गई, लेकिन धरातल पर कभी कोई कार्य नहीं हुए। ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए आज तक कोई ठोस प्लान नहीं बनाया गया। वैकल्पिक तौर पर बनाई गई योजनाओं पर धनराशि तो मोटी फूंकी गई और नतीजा शून्य रहा।

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यहां होता है जलभराव

नगर के भीतर गोविदनगर, लकड़ीपड़ाव, स्टेशन रोड, तल्ला काशीरामपुर, आमपड़ाव, गाड़ीघाट, झंडाचौक, रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टैंड तिराहा, तहसील, कोतवाली में जलभराव होता है। नगर से बाहर भी जलभराव की बड़ी परेशानी बनी रहती है। अनियोजित तरीकों से हुए निर्माण के कारण चौड़ी सड़कें गलियों में तब्दील हो गई हैं। बरसात के दौरान गलीनुमा इन सड़कों पर पानी रुकने से जलभराव हो जाता है। देवी रोड, हल्दूखाता, मानपुर, काशीरामपुर, सिगड्डी, झंडीचौड़, बलभद्रपुर सहित कई अन्य क्षेत्रों में जलभराव की समस्या होती है।

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नालियों की नहीं सुध, नालों पर फूंका बजट: कोटद्वार नगर निगम गठित हुए तीन वर्ष का समय हो गया है। लेकिन, निगम की ओर से ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर करने के कोई ठोस कार्य नहीं किए गए हैं। नगर पालिका के कार्यकाल में भी पालिका का ध्यान नालों पर तो रहा, लेकिन उन नालियों की मरम्मत कभी नहीं की गई, जिनसे नगर के भीतर का पानी बाहर निकलना था। वित्तीय वर्ष 2014-15 में नगर पालिका ने नगर क्षेत्र में तीन नालों के निर्माण में करीब तीस लाख की धनराशि व्यय की। इस धनराशि से लकड़ीपड़ाव-पनियाली तल्ली, स्टेशन रोड (टूरिस्ट होटल से बहुखंडी होटल तक) व विकासनगर (गाड़ीघाट) में नाले बनाए जाने थे। लकड़ीपड़ाव-पनियाली तल्ली में तो नाला बना, लेकिन अन्य स्थानों पर आज तक नाले का पता नहीं है।

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नालियों में आमजन कूड़ा डाल देता है, जिस कारण नालियां चोक हो जाती हैं। नालियों की लगातार सफाई करवाई जाती है। अभी ड्रेनेज सिस्टम को लेकर कोई बड़ी योजना नहीं बनाई गई है।

पीएल शाह, नगर आयुक्त, कोटद्वार नगर निगम

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