टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग कर जीतेंगे जंग: प्रो. सोनी
कोविड-19 को लेकर तकनीकी चुनौतियां विषय पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड श्रीनगर से आयोजित पांच दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला में देश के विभिन्न क्षेत्रों से 70 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:
कोविड-19 को लेकर तकनीकी चुनौतियां विषय पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड श्रीनगर से आयोजित पांच दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला में देश के विभिन्न क्षेत्रों से 70 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। ऑनलाइन कार्यशाला समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनआइटी उत्तराखंड के निदेशक प्रो. श्यामलाल सोनी ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग करने को एनआइटी प्राथमिकता से भी कार्य करेगी। जिसके लिए विषय विशेषज्ञों से कार्यशाला में मिले फीडबैक और इनपुट का उपयोग भी किया जाएगा। प्रो. श्यामलाल सोनी ने कहा कि स्वास्थ्य और तकनीकी दोनों क्षेत्र मिलकर कोविड के खिलाफ इस जंग को पूरी तरह से शीघ्र जीत लेंगे। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा कोविड-19 के विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर भी प्रकाश डाला गया।
विषय विशेषज्ञ एम्स ऋषिकेश के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. अंशुमन दरवारी ने कहा कि कम लागत के और बेहतर गुणात्मक स्तर वाले वेंटिलेटर को डिजाइन करने में टेक्नोक्रेट आगे आएं। डॉ. दरवारी ने कहा कि कोविड-19 की लड़ाई जीतने के लिए इंजीनियर, वैज्ञानिक और डाक्टर एक साथ आगे आएं यह समय की जरूरत भी है। एनआइटी जयपुर के प्रो. राजेश कुमार, प्रो. ईएस पीली, आइआइटी पटना के प्रो. एमएच कोलेकर, आइआइटी तिरुपति के प्रो. एमआर शंकर, आइआइटी खड़कपुर के प्रो. ए भट्टाचार्य, आइआइटी खड़कपुर के प्रो. ए साहनी ने भी कोविड-19 को लेकर विभिन्न टेक्नालॉजिकल आस्पेक्ट्स पर प्रकाश डाला।
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