बीजू अखरोट पर बैन, ग्राफ्टेड होंगे वितरित

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: रोपण के दस-बारह साल बाद अखरोट के पेड़ अब काश्तकार को धोखा नहीं देंगे। अब क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Mar 2021 05:26 PM (IST) Updated:Tue, 09 Mar 2021 05:26 PM (IST)
बीजू अखरोट पर बैन, ग्राफ्टेड होंगे वितरित
बीजू अखरोट पर बैन, ग्राफ्टेड होंगे वितरित

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: रोपण के दस-बारह साल बाद अखरोट के पेड़ अब काश्तकार को धोखा नहीं देंगे। अब कागजी अखरोट के नाम पर रोपित पौधों से कागजी अखरोट ही मिलेगा। उद्यान विभाग की कोटद्वार इकाई ने काश्तकारों को बीजू अखरोट की पौध के वितरण पर रोक लगा दी है। विभाग अब काश्तकारों को कागजी अखरोट के पेड़ पर ग्राफ्टिग से तैयार अखरोट की पौध वितरित करेगा।

पर्वतीय क्षेत्रों में अब तक अखरोट के बीज से तैयार पौधों का वितरण किया जाता था। काश्तकार कागजी अखरोट के नाम पर इन पौधों का खेतों पर रोपण करता था। दस-बारह वर्षों के बाद जब अखरोट फल देना शुरू करता था तो पता चलता था कि अखरोट कागजी नहीं है। नतीजा, कई काश्तकार पेड़ को काट देते थे। पिछले लंबे समय से काश्तकारों के साथ हो रही इस धोखाधड़ी का परिणाम है कि पर्वतीय क्षेत्रों में अखरोट की फसल नगण्य है। क्षेत्र में काश्तकारों को अखरोट की खेती के प्रति जागरूक करने के लिए उद्यान विभाग की कोटद्वार इकाई कागजी अखरोट के पेड़ पर तैयार पौध काश्तकारों को वितरित कर रही है। इस पौधे में यह तय है कि पौधे से तैयार पेड़ से कागजी अखरोट ही मिलेगा।

उद्यान विशेषज्ञ प्रभाकर सिंह बताते हैं कि बीजू अखरोट के नाम पर काश्तकारों को धोखा मिल रहा था। जिस कारण क्षेत्र में बीजू अखरोट से तैयार पौध के वितरण पर रोक लगा दी गई है। बताया कि कोटद्वार इकाई के अंतर्गत आने वाले आठ प्रखंडों में काश्तकारों को कागजी अखरोट के पेड़ से तैयार दो हजार पौधों को वितरण किया गया है। ग्राफ्टेड पौधों की मांग भेजी गई है व जल्द ही अन्य काश्तकारों को भी कागजी अखरोट के पौधों का वितरण किया जाएगा।

बीजू और कागजी अखरोट में अंतर

बीजू अखरोट की पौध से फल मिलने में दस से बारह वर्ष का लंबा समय लगता है। दस-बारह वर्ष बाद भी इस बात की गारंटी नहीं होती है कि पेड़ से कागजी अखरोट ही मिलेगा। इसके विपरीत कागजी अखरोट के पेड़ से ग्राफ्टिग के जरिये तैयार पौधे से तीन-चार वर्ष में ही फल मिलना शुरू हो जाता है। साथ ही इस बात की गारंटी होती है कि फल कागजी अखरोट ही होगा।

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