भड़के डंपर चालक, खड़े किए वाहन
कोटद्वार क्षेत्र में सुखरो नदी से उपखनिज उठान में जुटे डंपर चालक प्रशासन की ओर से ओवरलोडिग के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान पर भड़क गए हैं।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: कोटद्वार क्षेत्र में सुखरो नदी से उपखनिज उठान में जुटे डंपर चालक प्रशासन की ओर से ओवरलोडिग के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान पर भड़क गए हैं। डंपर चालकों ने अपने वाहनों को संचालित न करने का निर्णय लिया है। नतीजा, गुरुवार को सुखरो नदी से उपखनिज उठान नहीं हो पाया।
प्रशासन की ओर से सुखरो नदी में रीवर ट्रेनिग का कार्य करवाया जा रहा है। नदी में रीवर ट्रेनिग के लिए चार पट्टे जारी किए गए हैं। हालांकि, इन पट्टों की मियाद तीस जून को समाप्त हो गई थी। लेकिन, शासन ने पट्टाधारकों के अनुरोध पर मियाद को बढ़ा दिया। पट्टाधारक प्रतिदिन हजारों टन उपखनिज क्षेत्र की सीमा से बाहर भेज रहे हैं। प्रशासन की ओर से ओवरलोडेड डंपरों के खिलाफ अभियान चलाते हुए समय-समय पर इन डंपरों को सीज कर जुर्माना भी वसूला जाता है।
प्रशासन की ओर से ओवरलोडेड डंपरों के खिलाफ हो रही इस कार्रवाई से डंपर संचालक भड़क गए हैं। बुधवार शाम से डंपर चालकों ने अपने वाहनों का संचालन बंद कर दिया है। बीती रात डंपर संचालकों ने कौड़िया चेकपोस्ट पर नाराजगी भी जताई। उनका कहना था कि औद्योगिक आस्थान क्षेत्रों के साथ ही बाजार में चलने वाले मालवाहक वाहन ओवरलोड होकर चलते हैं। ऐसे में सिर्फ खनन में लगे डंपरों का चालान किया जाना पूरी तरह गलत है। कहा कि जब तक प्रशासन सभी वाहनों के लिए एक समान नियम तय नहीं करता, वे अपने वाहनों का संचालन नहीं करेंगे। डंपर चालकों की हड़ताल के कारण गुरुवार को नदी से उपखनिज का उठान नहीं हुआ। इधर, उपखनिज से लदे डंपर भी नदी में खड़े नजर आए।
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उपखनिज की चोरी रोकना प्रशासन की जिम्मेदारी है। डंपर संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जिस भार क्षमता में वाहन पंजीकृत है, उसी भार क्षमता के अनुरूप उपखनिज भरें। ओवरलोडिग के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
..योगेश मेहरा, उपजिलाधिकारी, कोटद्वार