गजब! बगैर जांच गुणवत्ता पर सवाल
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र में वन महकमे में हो रहे निर्माण कार्य गुणवत्ताव
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र में वन महकमे में हो रहे निर्माण कार्य गुणवत्ताविहीन हैं। यह बात स्वयं वन महकमे ने स्वीकार की है। लैंसडौन वन प्रभाग में हाल ही में दस लाख से अधिक धनराशि से जिन बैंबू हट्स का निर्माण किया, उद्घाटन से पूर्व ही कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट ने इन्हें बेकार बताते हुए उजाड़ दिया। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर किस एजेंसी ने इस कार्य की जांच कर बेकार का प्रमाणपत्र दिया? यदि हट्स बेकार हैं, तो किस आधार पर लैंसडौन वन प्रभाग ने संबंधित ठेकेदार को भुगतान किया?
यूं लगता है मानो वन महकमे में पैसे की गंगा बह रही हो। कहीं निर्माण कार्य पूर्ण हुए बिना लाखों का भुगतान कर दिया जाता है तो कहीं लाखों को धनराशि से हुए कार्यों को बगैर सोचे-समझे ध्वस्त कर दिया जाता है। हैरानी की बात यह है कि जिस कोटद्वार विधानसभा में यह कारनामे हो रहे हैं, प्रदेश के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत उसी विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में वन मंत्री की कार्यशैली पर भी सवाल उठना लाजिमी है। ताजा मामला लैंसडौन वन प्रभाग का है, जिसे वित्तीय वर्ष 2019-20 में राष्ट्रीय बांस मिशन से दस लाख से अधिक धनराशि मिली। इस धनराशि से प्रभाग ने सिद्धबली मंदिर पुल के समीप खाली पड़ी वन भूमि पर तीन बैंबू हट्स बना दी। इनमें बांस से बने उत्पादों को बिक्री के लिए रखा जाना था।
बीते वर्ष तीनों हट्स बनकर तैयार हुई, लेकिन हट्स का उद्घाटन होने से पूर्व ही कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट वन प्रभाग ने इन्हें ध्वस्त कर दिया। प्रभागीय वनाधिकारी किशन चंद ने बताया कि लैंसडौन वन प्रभाग की ओर से बनाई गई हट्स साधारण थी, जबकि कालागढ़ डिवीजन इन्हें गढ़वाली शैली में आकर्षक तरीके से बनाएगा। हालांकि, पूर्व में बनाई गई हट्स किस तरह बेकार थी, इसका जवाब किसी के पास नहीं? इधर, लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज के रेंजर प्रदीप उनियाल बताते हैं कि हट्स का निर्माण उनके कार्यकाल से पूर्व हो गया था। कालागढ़ डिवीजन किन कारणों से हट्स को तोड़ रहा है, इसकी जानकारी उनके पास नहीं है।