नियुक्ति को लेकर डेयरी संविदा कर्मियों से मांगे जा रहे 30 हजार

गढ़वाल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के तत्वावधान में संचालित श्रीनगर की आंचल डेयरी में संविदा पर कार्यरत श्रमिकों व कर्मचारियों से पुन नियुक्ति को लेकर हर कर्मचारी से 30 हजार मांगने के आरोप लग रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 05:09 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 05:09 PM (IST)
नियुक्ति को लेकर डेयरी संविदा कर्मियों से मांगे जा रहे 30 हजार
नियुक्ति को लेकर डेयरी संविदा कर्मियों से मांगे जा रहे 30 हजार

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: गढ़वाल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के तत्वावधान में संचालित श्रीनगर की आंचल डेयरी में संविदा पर कार्यरत श्रमिकों व कर्मचारियों से पुन: नियुक्ति को लेकर हर कर्मचारी से 30 हजार मांगने के आरोप लग रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह आउटसोर्स फेसिलिटेटर एजेंसी कंपनी हिमाचल की है, जिसने उत्तराखंड की हर डेयरी में आउटसोर्स पर संविदा कर्मियों की नियुक्ति को लेकर विज्ञप्ति जारी की है।

ताज्जुब यह है कि गढ़वाल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ श्रीनगर के अध्यक्ष हरेंद्रपाल सिंह नेगी ऐसी किसी भी विज्ञप्ति का गढ़वाल दुग्ध संघ से कोई संबंध नहीं होने की बात कह रहे हैं। प्रेस को जारी बयान में उन्होंने इस विज्ञप्ति को निराधार भी बताया है। अध्यक्ष हरेंद्र नेगी का कहना है कि डेयरी में पांच से दस सालों से संविदा पर कर्मचारी कार्यरत हैं, उन्हें हटाने का कोई औचित्य भी नहीं है। प्रेस को जारी बयान में दुग्ध संघ के अध्यक्ष का कहना है कि पिछले कई वर्षो से दुग्ध संघ में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को हटाकर संबंधित एजेंसी की ओर से नियुक्त कर्मिकों को रखने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जो गलत है।

दूसरी ओर आंचल डेयरी में वर्षो से कार्यरत 18 ठेका श्रमिकों ने गढ़वाल दुग्ध संघ के अध्यक्ष को ज्ञापन देकर कहा है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति अथवा संस्था को वह अपना रोजगार नहीं हड़पने देंगे। यदि किसी ठेकेदार की ओर से उनकी मांग की आड़ में उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जाता है तो सभी ठेका श्रमिक आंचल डेयरी गेट पर आमरण अनशन के लिए बाध्य हो जाएंगे। ठेका श्रमिकों की ओर से यह ज्ञापन मुख्यमंत्री, दुग्ध विकास मंत्री, जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल को भी भेजा गया है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पूर्व नई एजेंसी के ठेकेदार के किसी व्यक्ति ने डेयरी पहुंचकर इन संविदा कर्मियों को 30 हजार रुपये बिना हिसाब-किताब के देने को भी कहा था। गढ़वाल दुग्ध संघ के अध्यक्ष को इन 18 कर्मचारियों की ओर से दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि संबंधित एजेंसी की ओर से जो आवेदन पत्र प्रेषित किए गए हैं, उसमें भी इन 30 हजार रुपयों का कोई जिक्र नहीं है और ठेकेदार की ओर से इसकी कोई रसीद भी नहीं दी जाएगी।

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