अलेठी-पलेठी धौला उड्यारी जाग..

जागरण संवाददाता कोटद्वार श्री सिद्धबली मंदिर परिसर में चल रहे तीन दिवसीय श्री सिद्धबली बाबा वाषि

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 05:15 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 05:30 PM (IST)
अलेठी-पलेठी धौला उड्यारी जाग..
अलेठी-पलेठी धौला उड्यारी जाग..

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: श्री सिद्धबली मंदिर परिसर में चल रहे तीन दिवसीय श्री सिद्धबली बाबा वार्षिक अनुष्ठान के समापन अवसर पर एकादश कुंडीय यज्ञ की पूर्णाहूति के साथ ही सिद्धबाबा के जागरों के दौरान कई पुरुष व महिलाएं देवता के प्रभाव में आकर नाचते दिखे। सिद्धबाबा के जागर संपन्न होने के बाद सवामन रोट का भोग लगाया गया व बाद में इस रोट को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया।

तीन-दिवसीय मेले के अंतिम दिन आज ब्रह्ममुहूर्त में श्री सिद्धबाबा के महाभिषेक के उपरांत आचार्य पं.देवी प्रसाद भट्ट के सानिध्य में रूद्र पाठ हुआ। तत्पश्चात उन्हीं के संयोजकत्व में पिछले तीन दिन से चल रहे एकादश कुंडीय यज्ञ का भी पूर्णाहुति के साथ समापन किया गया। यज्ञ समापन के उपरांत श्री सिद्धबाबा के जागर शुरू हुए। 'अलेठी-पलेठी धौला उडयारी जाग, मोड़ाखाल जाग, मलोठी भाबर मा जाग, सिद्धबली मंदिर मा सिद्धबाबा जाग, माता विमला मोहरी को जाग, राजा कुंवरपाल को जाग.' जैसे जागरों के धुन के बीच कई महिलाएं व पुरुष 'देवी-देवताओं' के प्रभाव में आकर नाचने लगी। जागर मुख्य जागरी सर्वेंद्र कुकरेती व उनके साथी हरीश भारद्वाज ने लगाए, जिन्हें सुनने को श्रद्धालु सिद्धबली मंदिर में पहुंचे थे।

जागर के दौरान 'सिद्धबाबा' के प्रभाव में आए मनोज भारद्वाज ने अपनी पीठ पर लोहे के सांकल से प्रहार शुरू कर दिया व दहकते हुए अंगारों पर नृत्य करने लगा। धूप दिखा उन्हें शांत कर मौजूद लोगों ने सिद्धबाबा का आशीर्वाद लिया, जिसके बाद सवामन आटे के रोट का भोग लगाया गया। इस मौके पर विधायक दिलीप रावत, उद्योगपति अनिल कंसल, कुंजबिहारी देवरानी, विवेक अग्रवाल, सुनील बुड़ाकोटी, शैलेश जोशी सहित कई अन्य मौजूद रहे।

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