गायों को दुर्घटना से बचाने के लिए गले में रेडियम बैंड बांध रहे हैं हल्‍द्वानी के युवा

सड़क पर बैठी आवारा गायें रात के समय चालकों को नहीं दिखती हैं। जिससे अक्सर दुर्घटना का शिकार हो रही हैं। इस तरह की दुर्घटना रोकने के लिए गायों के गले में रेडियम बैंड लगाने का कार्य युवाओं का एक दल कर रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:30 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:30 AM (IST)
गायों को दुर्घटना से बचाने के लिए गले में रेडियम बैंड बांध रहे हैं हल्‍द्वानी के युवा
गायों को दुर्घटना से बचाने के लिए गले में रेडियम बैंड लबा रहे हैं हल्‍द्वानी के युवा

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : सड़क पर बैठी आवारा गायें रात के समय चालकों को नहीं दिखती हैं। जिससे अक्सर दुर्घटना का शिकार हो रही हैं। इस तरह की दुर्घटना रोकने के लिए गायों के गले में रेडियम बैंड लगाने का कार्य युवाओं का एक दल कर रहा है।

सड़क पर गायों की संख्या बढऩे से दुर्घटना के मामले भी ज्यादा हो गए हैं। आवारा गायों के पुनर्वास के सभी प्रयास विफल नजर आ रहे हैं। सड़क पर मौजूद गायों के साथ अक्सर रात को दुर्घटना हो रही है। ऐसे में गायों की सुरक्षा के लिए आदि श्री धाम से जुड़े युवाओं का दल अनूठा प्रयास कर रहा है। दल में शामिल गीतांशु जोशी ने बताया कि वह बीते कई दिनों से रेडियम की पट्टी को गायों के गले में बांध दे रहे हैं। जिसका असर यह है कि रात के समय गाय के गले में रेडियम पट्टी दूर से ही चमकने लगती है।

ट्रक व अन्य बड़े वाहन चला रहे चालक गाय, बछड़े आदि को देखकर सावधान हो रहे हैं। जिससे गायों की दुर्घटना में कमी आने की संभावना जताई जा रही है। अधिवक्ता दीपक जोशी ने बताया कि गायों को लोग खुला सड़क पर छोड़ दे रहे हैं। दुर्घटना होने के बाद उनका दल गायों के इलाज का कार्य कर रहा है। ऐसे में रेडियम बैंड लगने से रात के समय भी गाय की दृश्यता बनी रहेगी। जिससे दुर्घटना के मामले कम हो जाएंगे। इस कार्य में निकिता सुयाल, सन्नी पठान, मंजू भट्ट, तरुण जोशी, नीलू कांडपाल, नीरज सुयाल, अधिवक्ता बसंती बिष्ट, अब्दुल गुज्जर आदि कार्य कर रहे हैं।

बिल्ली के गले में घंटी बांधने जैसा कार्य

छात्र गीतांशु जोशी ने बताया कि गायों के गले में रेडियम बैंड लगाना बिल्ली के गले में घंटी बांधने जैसा है। छोटे बछड़ों के गले में बैंड बांधना आसान है, लेकिन बड़ी गाय व सांड़ के गले में बैंड बांधना काफी खतरे से भरा कार्य है। कई बार बैंड बांधते समय गाय व बैल घसीटने लगते हैं। हमला करने की भी संभावना रहती है। इसके बाद भी गायों की सुरक्षा के लिए दल के सदस्य अपने कार्य से समय निकालकर लगे हुए हैं।

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