आपसी सहयोग से युवाओं के लिए लाइब्रेरी बनाने में जुटे युवा, कोविड की रफ्तार थमने के बाद खोला जाएगा
100 से अधिक बच्चों को शिक्षा दिलाने में मदद करने वाली उद्यांश संस्था अब लाइब्रेरी तैयार करने में जुटी है। आपसी सहयोग से तैयार की जाने वाली इस लाइब्रेरी को संक्रमण की रफ्तार थमने पर खोल दिया जाएगा।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : 100 से अधिक बच्चों को शिक्षा दिलाने में मदद करने वाली उद्यांश संस्था अब लाइब्रेरी तैयार करने में जुटी है। आपसी सहयोग से तैयार की जाने वाली इस लाइब्रेरी को संक्रमण की रफ्तार थमने पर खोल दिया जाएगा। पढ़ने के लिए पहुंचने वाले युवाओं से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। ऐसे में संस्था ने लोगों से अपील की है कि पुरानी किताबों को रद्दी में बेचने की बजाय उन्हें सौंप दें ताकि किसी का भविष्य तैयार करने में मदद मिल सके।
उद्यांश संस्था में शामिल अधिकांश युवा कॉलेज स्टूडेंट है। समाज के लिए कुछ करने की चाह रखे इन उत्साही युवाओं ने पूर्व में मलिन बस्ती में रहने वाले गरीब बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया था। ताकि उनका भविष्य संवरे। वहीं, अब जरूरत को देखते हुए लाइब्रेरी तैयार करने की ठानी है। संस्था की सचिव प्राची ने बताया कि लोग संस्था को किताब दान कर सकते हैं। जल्द किराये के कमरे में पुस्तकालय तैयार किया जाएगा। जिसमें प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी पुस्तक भी मिलेगी।
शहर को आधुनिक लाइब्रेरी की जरूरत
महानगर में बदल चुके हल्द्वानी को कुमाऊं का प्रवेशद्वार कहा जाता है। आबादी बढऩे के साथ यहां निजी शिक्षण संस्थान भी कई खुले। लेकिन शहर में एक भी ढंग का पुस्तकालय नहीं है। रोडवेज के पास नगर निगम द्वारा संचालित पुस्तकालय में समाचार पत्र ही पढऩे का मिलते हैं। पूर्व में किसी के द्वारा किताबें भेंट करने पर यहां आने वाले छात्रों को कुछ फायदा मिला। ऐसे में शहर को एक आधुनिक पुस्तकालय की जरूरत है। मगर जिम्मेदारों ने इस दिशा में कुछ नहीं किया।
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