आइटीआइ दाखिले में नहीं दिखी युवाओं में दिलचस्पी
उत्तराखंड के 79 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) में दाखिले के लिए इस बार युवाओं में दिलचस्पी नहीं दिखी।
-8044 में से 3142 सीटें इस साल रह गई रिक्त
-फाइनल काउंसलिंग की तैयारी में प्रशिक्षण निदेशालय जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: उत्तराखंड के 79 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) में दाखिले के लिए इस बार युवाओं में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखी। चार चरणों की काउंसलिंग के बावजूद अभी करीब 40 फीसद सीटें खाली रह गई हैं। प्रशिक्षण निदेशालय अब एक और काउंसलिंग की जुगत में लग गया है। इसके लिए मिनिस्ट्री आफ स्किल डेवलपमेंट एंड इंटरप्रेन्योरशिप के डायरेक्टर जनरल आफ ट्रेनिंग से फाइनल काउंसलिंग के लिए अनुमति मांगी गई है। जिससे कुछ सीटें और भरी जा सकें। 3142 सीटें रिक्त
राज्य के आइटीआइ में वर्तमान में एनसीवीटी (नेशनल काउंसिल फार वोकेशनल काउंसिल) के तहत ही ट्रेड संचालित हो रहे हैं। इन ट्रेडों में इस साल 8044 सीटों पर दाखिला प्रक्रिया शुरू की गई थी। पहले तीन चरणों की काउंसलिंग प्रक्रिया आनलाइन हुई थी। जिसके बाद अंतिम स्पाट काउंसलिंग हुई। इसके बावजूद केवल 4902 सीटें ही भर पाई। ये हैं कारण
आइटीआइ में सीटें न भर पाने का सबसे मुख्य कारण प्रवेश प्रक्रिया का देरी से शुरू होना है। कोरोना संक्रमण के चलते इस साल प्रवेश प्रक्रिया करीब चार माह देरी से शुरू हुई थी। इसी बीच डिग्री कालेजों, पालीटेक्निक समेत अन्य शिक्षण संस्थानों में भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई थी। ऐसे में अधिकांश युवाओं ने कालेजों या अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए आवेदन कर दिया था। 11479 युवाओं ने किया था आवेदन
कोरोना संक्रमण के चलते इस बार अन्य शैक्षणिक संस्थानों की तर्ज पर आइटीआइ में प्रवेश के लिए भी आनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई थी। इस अवधि में 11479 युवाओं ने एनसीवीटी (नेशनल काउंसलिंग फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग) के तहत संचालित 32 ट्रेडों में दाखिले के लिए आवेदन किया था। लेकिन इनमें से बेहद कम ही काउंसलिंग में शामिल हुए। चार चरणों की काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिसमें 4902 सीटें भरी जा चुकी है। रिक्त सीटें भरने के लिए डीजीटी से फाइनल काउंसलिंग की अनुमति मांगी गई है।
जेएम नेगी, उप निदेशक, प्रशिक्षण निदेशालय