भू-कानून के समर्थन में बुद्ध पार्क में जुटे युवा, सुमन को याद कर शहीद पथ तक निकाली रैली

टिहरी जनक्रांति के नायक श्रीदेव सुमन के शहादत दिवस पर रविवार को बुद्ध पार्क में अलग-अलग सामाजिक संगठनों से जुड़े युवाओं ने उन्हें याद किया और श्रद्धांजलि दी। इसके बाद भू-कानून को लेकर नए सिरे से संघर्ष करने की रणनीति बनाई।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 05:00 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 07:21 PM (IST)
भू-कानून के समर्थन में बुद्ध पार्क में जुटे युवा, सुमन को याद कर शहीद पथ तक निकाली रैली
भू-कानून के समर्थन में बुद्ध पार्क में जुटे युवा, सुमन को याद कर शहीद पथ तक निकाली रैली

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : भू-कानून की मांग जोर पकड़ चुकी है। जननायक श्रीदेव सुमन की शहादत दिवस पर बुद्ध पार्क में एकजुट हुए युवाओं ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद नैनीताल रोड पर रैली निकाली हुंकार भरी। इस दौरान युवाओं ने सरकार व नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि पहाड़ पर जमीन बचेगी तभी लोग भी रहेंगे। अगर जमीन और जनता ही नहीं रही तो इन नेताओं का भविष्य भी खत्म हो जाएगा।

बुद्ध पार्क में रविवार को अलग-अलग शहरों के अलावा दिल्ली में रहने वाले कुछ उत्तराखंडी भी पहुंचे थे। वंदे मातरम गु्रप द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भू-कानून, इनर लाइन परमिट सिस्टम व मूल निवास 1950 आॢटकल 371 को जल्द लागू करने की मांग की गई। इस दौरान ग्रुप के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह दानू ने कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि यह मुद्दा कुछ युवाओं का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का है।

प्रदर्शनकारी विजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि पहाड़ पर तेजी से जमीनों को बिक्री होने के कारण बाहरी लोगों का अतिक्रमण बढ़ रहा है। ऐसा न हो कि एक दिन कुछ बचे ही न। वहीं, प्रदर्शनकारी दीपिका नयाल ने कहा कि भू-कानून के साथ आर्टिकल 371 व इनर लाइन परमिट सिस्टम भी हर हाल में चाहिए। ताकि उत्तराखंडी खुद को सुरक्षित महसूस कर सके। श्रद्धांजलि सभा के बाद शहीद पार्क तक पोस्टर-बैनर थामे रैली निकाली भी गई।

रैली में शामिल योगेश बहुगुणा के मुताबिक कहा कि दुर्भाग्य इस बात का है कि राज्य गठन के 21 साल बाद भी किसी नेता ने इस मुद्दे को नहीं उठाया। मजबूरी में युवाओं को सड़क पर उतरना पड़ा। रैली में किरन खेतवाल, ललित परगांई, चंद्रशेखर परगांई, तरुण कांडपाल, नरेंद्र बिनवाल, गॢवत पांडे, गौरव पांडे, ख़ुशाल लिंगवाल, मोहित जोशी, किरण खेतवाल, प्रदीप रावत, जगत करायत, आशीष जोशी, हैरी मेहरा, चंदू जोशी आदि मौजूद थे।

समर्थन में वीडियो वायरल

भू-कानून को लेकर इंटरनेट मीडिया पर आकर्षक तरीके से भी कैंपेन किया जा रहा है। कभी पोस्टर के साथ फोटो पोस्ट करने के लिए हैशटैग अभियान चलाया गया तो कभी वीडियो को एडिट कर पोस्ट वायरल की गई। लोक कलाकारों व सांस्कृतिक संगठनों का पूरा सहयोग मिल रहा है।

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