सड़क पर भटकते विक्षिप्त की आवाज बने योगेश, मानस सेवा केंद्र में कराया भर्ती, इलाज शुरू

अपनेपन से दूर होते समाज में ऐसे परोपकारी लोग भी हैं जिन्होंने उपेक्षित व वंचितों की सेवा को अपने जीवन का ध्येय बनाया है। इसमें शहर के योगेश जोशी का भी नाम है। एक बार फिर उन्होंने कठघरिया में भटकते विक्षिप्त की मदद की ठानी है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 01:12 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 01:12 PM (IST)
सड़क पर भटकते विक्षिप्त की आवाज बने योगेश, मानस सेवा केंद्र में कराया भर्ती, इलाज शुरू
सड़क पर भटकते विक्षिप्त की आवाज बने योगेश, मानस सेवा केंद्र में कराया भर्ती, इलाज शुरू

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : अपनेपन से दूर होते समाज में ऐसे परोपकारी लोग भी हैं, जिन्होंने उपेक्षित व वंचितों की सेवा को अपने जीवन का ध्येय बनाया है। इसमें शहर के योगेश जोशी का भी नाम है। एक बार फिर उन्होंने कठघरिया में भटकते विक्षिप्त की मदद की ठानी है। कठघरिया में एक विक्षिप्त युवक इधर-उधर भटक रहा था। लोगों के फेंके हुए जूठे भोजन से ही वह भूख मिटाता। जब जहां मन करे सड़क किनारे सो जाता। बारिश के बीच कीचड़ से लथपथ जब उसकी निगाहें पूरन सती पर पड़ी तो उनका दिल पसीज गया।

पूरन ने स्वर्गीय श्रीबाल किशन देवकी जोशी ट्रस्ट के अध्यक्ष योगेश जोशी को फोन किया। योगेश वहां पहुंचे। युवक को गाड़ी में बैठाया और सीधे लामाचौड़ स्थित मानस सेवा केंद्र ले गए। युवक अपना नाम मनोज प्रजापति बांदा उत्तर प्रदेश का निवासी बता रहा है। इससे अधिक वह अपने बारे में जानकारी देने में असमर्थ है। उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है। योगेश ने बताया कि जब तक युवक स्वस्थ नहीं हो जाता है, वह उसका इलाज इसी केंद्र में कराएंगे। उसकी देखरेख व इलाज का खर्च वह स्वयं उठाएंगे। उन्होंने पुलिस व आम लोगों से अपील की है कि इसे स्वजनों का पता लगाया जाए। ताकि उसे सुरक्षित उसके घर तक पहुंचाया जा सके।

पहले भी एक विक्षिप्त को स्वजनों से मिला चुके हैं योगश

सामाजिक कार्यकर्ता योगेश पहले भी बिहार के एक विक्षिप्त युवक का मानसिक इलाज कराने के बाद उसके स्वजनों से मिलवा चुके हैं। उनके स्वजन आज भी योगेश को याद करते हैं।

दो एंबुलेंस कर चुके हैं भेंट

योगेश ने शहर में दो एंबुलेंस दान की हैं, जो मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के काम आती है। इसके अलावा स्वर्ग वाहन भी चलवाया है। साथ ही शहर में अपने माता-पिता के नाम से ब्लड बैंक भी खोला है। वह लगातार लोगों की सेवा में जुटे रहते हैं।

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