चार महीने तक हाड़तोड़ मेहनत करने के बाद भी नहीं मिली मजदूरी, कंपनी ब्लैक लिस्टेड
कोरोना के चलते पहले श्रमिकों का पहले काम धंधा छूट गया। उसके बाद वह गांव आ गए। यहां चार महीने तक हाड़तोड़ मेहनत करने के बाद भी मजदूरी नहीं मिली। विभाग ने ठेकेदार को ही ब्लैक लिस्टेड कर दिया। अब प्रवासी मजदूर प्रशासन से भुगतान की मांग कर रहे हैं।
बागेश्वर, जागरण संवाददाता : कोरोना के चलते पहले श्रमिकों का पहले काम धंधा छूट गया। उसके बाद वह गांव आ गए। यहां चार महीने तक हाड़तोड़ मेहनत करने के बाद भी मजदूरी नहीं मिली। विभाग ने ठेकेदार को ही ब्लैक लिस्टेड कर दिया। अब प्रवासी मजदूर प्रशासन से भुगतान की मांग कर रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि पारिश्रमिक न मिलने के कारण उनके सामने रोजी रोटी का संकट शुरू हो गया है।
भद्रकाली के ग्रामीणों ने मजदूरी के लिए आंदोलन कर रहे है। उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए शासन-प्रशासन से मजदूरी दिलाने की मांग की। बीते वर्ष कोरोना के चलते भद्रकाली के बने गांव के 32 प्रवासी अपने गांव लौट आए। यहां आने के बाद उन्होंने चार महीने तक एक सड़क में हो रहे सोलिंग कार्य में मजदूरी की। उन्हें चार महीने से मजूदरी नहीं मिली है। मजदूरी मिलती भी कैसी ठेकेदार को लापरवाही बरतने पर विभाग ने ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है।
प्रवासियों का कहना है कि सरकार उन्हें स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराएगी। लेकिन ऐसा नही हुआ। जिस कारण उन्हें मजदूरी के लिए मजबूर होना पड़ा। यहां भी उन्हें मेहनत का पैसा नहीं मिल रहा है। कई बार गुहार लगाने के बाद भी ठेकेदार ने भुगतान नहीं किया। अब उन्हें जानकारी मिली है कि वह ब्लैक लिस्टेड है। उन्होंने प्रशासन से विभाग से भुगतान कराने की मांग की है। इस अवसर पर ग्राम प्रधान सूरज कुमार, सुमित कुमार, सोहन राम, बसंती देवी आदि शामिल थे। उपजिलाधिकारी कांडा राकेश चंद्र तिवारी का इस बारे में कहना है कि मामले की जांच की जाएगी। मजदूरों की मेहनत की राशि मिलनी चाहिए। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।