आठ करोड़ से सात डिवीजनों में होंगे काम, सुरक्षा से लेकर वन्यजीवों की प्लानिंग में खर्च होगी रकम

वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त जीवन चंद्र जोशी ने बताया कि वर्चुअल बैठक के दौरान गौला कापर्स फंड को लेकर चर्चा की गई थी। जिसके बाद तय हुआ कि करीब आठ करोड़ की रकम इस साल खर्च होगी। कटाव को रोकने के लिए तटबंध सुरक्षा दीवार आदि बनाए जाएंगे।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 26 May 2021 06:11 AM (IST) Updated:Wed, 26 May 2021 06:11 AM (IST)
आठ करोड़ से सात डिवीजनों में होंगे काम, सुरक्षा से लेकर वन्यजीवों की प्लानिंग में खर्च होगी रकम
इसमें पोखर निर्माण के साथ जंगल में उन प्रजातियों का रोपण भी शामिल किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: गौला कापर्स फंड से आठ करोड़ रुपये की रकम कुमाऊं के सात वन प्रभागों को दी जाएगी। इससे नदियों से होने वाले कटाव को रोकने के साथ वन्यजीव मैनेजमेंट प्लान भी तैयार किया जाएगा। इसी सप्ताह सभी डिवीजनों से प्रस्ताव तैयार करा बजट आवंटन की रूपरेखा बना दी जाएगी।

वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त जीवन चंद्र जोशी ने बताया कि वर्चुअल बैठक के दौरान गौला कापर्स फंड को लेकर चर्चा की गई थी। जिसके बाद तय हुआ कि करीब आठ करोड़ की रकम इस साल खर्च होगी। नदियों की वजह से आबादी क्षेत्र के कटाव को रोकने के लिए तटबंध, सुरक्षा दीवार आदि बनाए जाएंगे। इसके अलावा वन्यजीवों के वासस्थल को बेहतर करने के लिए भी प्रस्ताव बनाए जाएंगे। इसमें पोखर निर्माण के साथ जंगल में उन प्रजातियों का रोपण भी शामिल किया जाएगा। जिन्हें वन्यजीव अपना आहार मानते हैं।

कापर्स फंड से जंगल को बजट

खनन से होने वाली इनकम का कुछ प्रतिशत गौला कापर्स फंड में जमा किया जाता है। इसके बाद इस बजट से नदियों से आबादी को होने वाले नुकसान को रोकने के अलावा वन्यजीव प्रबंधन पर खर्च किया जाता है। दो साल पहले वेस्टर्न सर्किल का पहला रेस्क्यू सेंटर भी इस फंड से तैयार किया गया था।

इन डिवीजनों में होगा काम

पश्चिमी वन वृत्त की हल्द्वानी डिवीजन, रामनगर डिवीजन, तराई केंद्रीय डिवीजन, तराई पश्चिमी व रामनगर डिवीजन के अलावा सिविल सोयम नैनीताल व नैनीताल वन प्रभाग में इस फंड से काम किए जाएंगे।

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