अमृत योजना का बजट समाप्त, अब तक बिछी है महज 26 किमी लंबी सीवर लाइन

नगर निगम के पुराने इलाके में अमृत योजना के तहत 55 करोड़ सीवर लाइन बिछाने को मिले थे। 35 करोड़ से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। जबकि 20 करोड़ रुपये से शहरी क्षेत्र में 26 किमी लंबी सीवर लाइन डलने के बाद अब बजट खत्म हो चुका है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 08:59 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 08:59 AM (IST)
अमृत योजना का बजट समाप्त, अब तक बिछी है महज 26 किमी लंबी सीवर लाइन
अमृत योजना का बजट समाप्त, अब तक बिछी है महज 26 किमी लंबी सीवर लाइन

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : नगर निगम के पुराने इलाके में अमृत योजना के तहत 55 करोड़ रुपये सीवर लाइन बिछाने को मिले थे। जिसमें से 35 करोड़ रुपये से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। जबकि 20 करोड़ रुपये से शहरी क्षेत्र में 26 किमी लंबी सीवर लाइन डलने के बाद अब बजट खत्म हो चुका है। हालाकि, एक बड़ा इलाका अब भी सीवर लाइन से अछूता है। जल निगम के मुताबिक काम को सात जोन में विभाजित करने के बाद आंकलन किया गया कि 75 करोड़ रुपये सीवर लाइन डालने को चाहिए। नगर निगम के माध्यम से प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। पैसा मिलने पर काम शुरू होगा।

अमृत योजना के तहत हल्द्वानी में पानी व सीवर की लाइन डाली गई थी। निर्माणदायी संस्था जल निगम ने रोड कटिंग का पैसा लोक निर्माण विभाग के पास जमा करवाया था। अफसरों के मुताबिक 2500 घरों में सीवर कनेक्शन हो चुके हैं। जिन इलाकों में लोगों ने कनेक्शन नहीं लिए, वहां संयोजन के लिए बकायदा शिविर लगाए जा रहे हैं।

वहीं, छूटे हुए शहर के हिस्सों में सीवर लाइन डालने के लिए जल निगम ने नगर निगम के कहने पर एक बार फिर कवायद शुरू करते हुए प्रस्ताव भेज दिया है। बजट को लेकर दो संभावनाएं है कि राज्य स्तर से भी फंडिंग हो सकती है। इसके अलावा जेजेएम योजना से भी जोड़ा जा सकता है। क्योंकि, हल्द्वानी का इलाका जल जीवन मिशन में भी शामिल हुआ है।

एके कटारिया, ईई जल निगम ने बताया कि अमृत योजना के तहत मिला बजट खर्च हो चुका है। 35 करोड़ सीवर ट्रीटमेंट प्लांट ही बन रहा है। अब शहर के अन्य जोन में काम पूरा करवाने के लिए नगर निगम के माध्यम से प्रस्ताव भेजा जाएगा। पैसा अगर किस्तों में भी मिले तो जोन के हिसाब से काम शुरू हो जाएगा।

इन जोन में होगा काम

भोटिया पड़ाव-जगदंबा नगर, रानीबाग-काठगोदाम, सुभाषनगर-आवास, राजपुरा, इंदिरानगर, बनभूलपुरा, रामपुर रोड, बरेली रोड व बाजार जोन। निगम के मुताबिक राजपुरा व इंदिरानगर में बिलकुल भी काम नहीं हुआ। जबकि अन्य क्षेत्र में दस से बीस प्रतिशत तक सीवर लाइन डाली गई है। इंदिरानगर में सीवर की गंदगी नाले में गिरना बड़ी समस्या है।

जेजेएम काम को लेकर असमंजस 

जल जीवन मिशन के तहत अभी तक ग्रामीण क्षेत्र में ही काम किया जा रहा था। अब नगर निगम के छूटे क्षेत्र में भी इस योजना के तहत काम होने की संभावना है। जल निगम ने काम हासिल करने के लिए बीच में कई जगहों पर सर्वे भी किया था। ताकि सीवर व पानी लाइन डल सके। मगर एडीबी भी पूर्व में सर्वे कर चुकी है। ऐसे में असमंजस है कि भविष्य में काम किसे मिलेगा।

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