हल्द्वानी में बैराज में फंसी शवहाद की लकडिय़ां, जलसंस्थान को जलापूर्ति ठप
पानी के साथ चित्रशिला घाट से शवदाह की बची लकडिय़ां भी बहकर आ गईं। इनके नहरों के गेट और बैराज में फंसने से जलसंस्थान को जलापूर्ति बंद हो गयी। सोमवार की सुबह लकडिय़ां निकालने के बाद जलसंस्थान को पानी दिया गया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : रविवार की शाम हुई बरसात सिंचाई विभाग व जलसंस्थान के लिए राहत लेकर आई। गौला नदी का जलस्तर बढ़कर 3600 क्यूसेक तक पहुंच गया। वहीं पानी के साथ चित्रशिला घाट से शवदाह की बची लकडिय़ां भी बहकर आ गईं। इनके नहरों के गेट और बैराज में फंसने से जलसंस्थान को जलापूर्ति बंद हो गयी। सोमवार की सुबह लकडिय़ां निकालने के बाद जलसंस्थान को पानी दिया गया।
गौला नदी का घटता जलस्तर जलसंस्थान और सिंचाई महकमे के लिए चिंता का विषय बना हुआ था। पिछले सप्ताह जलस्तर घटकर 48 क्यूसेक तक पहुंच गया था। वहीं पिछले दो दिनों में बरसात होने से नदी का जलस्तर बढऩे लगा। रविवार की शाम तेज बरसात होने से नदी का जलस्तर 3600 क्यूसेक तक पहुंच गया। सिंचाई विभाग के अफसरों के मुताबिक शुरुआती बरसात होने से पानी के साथ भारी मात्रों में सिल्ट के अलावा रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर शवदाह के बाद बची लकडिय़ां भी आ गईं। ये बैराज के अलावा नहरों के मुहाने पर बने गेटों में फंस गई। जिससे जलसंस्थान व सिंचाई की नहरों को पानी की सप्लाई बंद हो गई। सोमवार की सुबह नदी का जलस्तर कम हुआ। सुबह के समय जलस्तर 147 क्यूसेक दर्ज किया गया। इसके बाद नहरों के मुहाने पर बने गेटों से मलबा व लकडिय़ां हटाई गई। इसके बाद करीब सात बजे बैराज से नहरों को जलापूर्ति शुरू की गयी।
जलसंस्थान के अफसरों के मुताबिक रविवार की रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक बैराज से फिल्टर प्लांट को जलापूर्ति ठप रही। जिस कारण सोमवार को सुबह के समय फिल्टर प्लांट से जुड़े इलाकों में जलापूर्ति प्रभावित हुई। हालांकि सुबह से बैराज से निरंतर पानी मिलने पर शाम की आपूर्ति सुचारू कर दी गयी थी।
आज से होगी गौड़धड़ा नलकूप से जलापूर्ति
बिठोरिया नंबर एक स्थित गौड़धड़ा नलकूप की मोटर मरम्मत होकर आने पर पाइप जोडऩे का काम शुरू कर दिया गया है। जलसंस्थान के अवर सहायक अभियंता पंकज उपाध्याय ने बताया कि मंगलवार शाम तक नलकूप की मरम्मत का काम पूरा होने की उम्मीद है। मरम्मत का काम पूरा होते ही नलकूप की टेस्टिंग कर जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी। वहीं कालाढूंगी के कुछ इलाकों में जलसंकट की शिकायत आ रही है। इसके अलावा चकलुवा स्थित आक्सीजन प्लांट के लिए भी पानी की जरूरत पड़ रही है। कालाढूंगी के जलसंकट ग्रस्त इलाके व आक्सीजन प्लांट के लिए टैंकर भेजे जा रहे हैं।
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