महिलाएं जांचेंगी अपने गांव के पानी की क्वालिटी, जल जीवन मिशन वाले गांव में महकमा देगा ट्रेनिंग
सहायक अभियंता आरएस विश्वकर्मा ने बताया कि इन सभी 133 गांवों में साल में तीन बार पानी की सैंपलिंग होगी। ताकि पता चल सके कि पानी में कोई दिक्कत तो नहीं है। दो बार पैथोलॉजिक और एक बार कैमिकल टेस्ट होगा।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जल जीवन मिशन के तहत दिए कनेक्शनों में पानी की गुणवत्ता की जांच का जिम्मा स्थानीय महिलाओं को सौंपा जाएगा। इसके लिए जलसंस्थान द्वारा जांच किट के साथ प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। साल में तीन बार पानी की गुणवत्ता आंकी जाएगी। हर गांव में पांच महिलाओं की समिति बनेगी।
जलसंस्थान के मुताबिक हल्द्वानी विकासखंड के 59 और कोटाबाग के 74 राजस्व गांवों में जल जीवन मिशन के तहत कनेक्शन होने हैं। हल्द्वानी में 32 गांव में 100 प्रतिशत, 22 में 50 प्रतिशत और पांच गांव में एक भी कनेक्शन अभी नहीं जुड़ा। वहीं, कोटाबाग में 35 गांवों में पूर्ण, 15 में 50 प्रतिशत कनेक्शन जुड़ गए हैं। जबकि 24 ऐसे गांव है जहां पानी का कोई स्त्रोत नहीं है। ऐसे में लाइन से कनेक्शन में पानी आपूर्ति का कोई विकल्प नहीं है। दूसरे चरण में इन जल संकट वाले इलाकों में नलकूप या आसपास किसी स्त्रोत से पानी पहुंचाने को डीपीआर तैयार की गई है। इस मुहिम से जहां महिलाओं में आत्मविश्वास आएगा। उसके साथ ही अपने व परिवार के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता भी आएगी। पहाड़ पर पानी की समस्या आम है। उस पर भी साफ पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। लोग जलस्रोतों पर सुबह से ही जमा हो जाते हैं। इसके बाद पानी लेकर लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। साफ पानी मिले इसके लिए विभाग की यह मुहिम काबिलेतारीफ है।
वहीं, सहायक अभियंता आरएस विश्वकर्मा ने बताया कि इन सभी 133 गांवों में साल में तीन बार पानी की सैंपलिंग होगी। ताकि पता चल सके कि पानी में कोई दिक्कत तो नहीं है। दो बार पैथोलॉजिक और एक बार कैमिकल टेस्ट होगा। और यह काम गांव की पांच महिलाओं द्वारा किया जाएगा। इसके लिए बकायदा ट्रेनिंग और संसाधन उपलब्ध करवाए जाएंगे। कोविड कफ्र्यू की वजह से मामला अटक गया था। जल्द प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
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