नवरात्र के पहले दिन पानी की व्यवस्था करने में जुटी रहीं पहाड़ की देवियां
नैनीताल जिले के पर्वतीय क्षेत्रों में जल संकट से गांवों के लोग परेशान हो चुके हैं। हिंदू नव वर्ष व नवरात्र के पहले दिन भी पहाड़ की देवियां परिवार के साथ हलक तर करने की जद्दोजहद में जुटी रहीं।
गरमपानी, संवाद सहयोगी : नैनीताल जिले के पर्वतीय क्षेत्रों में जल संकट से गांवों के लोग परेशान हो चुके हैं। हिंदू नव वर्ष व नवरात्र के पहले दिन भी पहाड़ की देवियां परिवार के साथ हलक तर करने की जद्दोजहद में जुटी रहीं। पेयजल संकट की परेशानी से गांवों में त्यौहारों की गूंज अब थम सी गई है। पानी के लिए ग्रामीणों को काफी पैदल चलना पड़ता है।
रानीखेत खैरना स्टेट हाइवे से सटे गांवों में पेयजल संकट बड़ी परेशानी बन चुका है। गांव के लोग परेशान हैं। घरों से दूर प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी ढोना मजबूरी बन चुका है। गांव के लोग आक्रोशित भी हैं। मंगलवार को हिंदू नव वर्ष व नवरात्र के पहले दिन भी रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर पहाड़ की देवियां बस पानी की जद्दोजहद करती दिखाई दी। बजोल क्षेत्र में परिवार के सदस्यों के साथ पानी की व्यवस्था करने में जुटी रहीं। खुशहालकोट क्षेत्र में भी से गांव के लोग परेशान हैं। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि परेशान लोगों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार तक कर डाला है।
ग्रामीणों का आरोप है कि जल संस्थान गांव की सुध लेने को तैयार नहीं है भरपूर पानी होने के बावजूद गांवों में पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही। आलम यह है कि अब गांव में जल संकट के कारण त्योहारों की गूज दब सी गई है। सुबह उठने के साथ ही पानी की दौड़ शाम तक जारी रहती है।
बीडीसी भूपेंद्र सिंह देव, राजेंद्र सिंह, भोपाल सिंह, चंदन सिंह, पूरन सिंह, जया देवी, कृष्णा जीना, खष्टी कांडपाल, भावना मेहरा, सविता जीना, ममता जीना, प्रेमा बिष्ट, हेमा जीना, नेहा जलाल, हेमा तड़ागी आदि ने पेयजल व्यवस्था में सुधार को ठोस कदम उठाए जाने की मांग की है। चेताया कि यदि गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए गंभीरता से कार्य नहीं किया गया तो मजबूरी में रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया जाएगा।
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