उत्‍तराखंड में चुनावी गणित बनाने-बिगाडऩे में अहम होंगी महिला जनप्रतिनिधि

वोटरों को रिझाने का दौर शुरू हो चुका है। संभावित उम्मीदवार घर-घर बैठक और जनसंपर्क में जुटे हुए हैं। इन कार्यक्रमों में पुरुषों की उपस्थिति ही ज्यादा नजर आती है लेकिन प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर चुनावी गणित को बनाने व बिगाडऩे में महिला जनप्रतिनिधियों की अहम भूमिका होंगी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 09:27 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 09:27 AM (IST)
उत्‍तराखंड में चुनावी गणित बनाने-बिगाडऩे में अहम होंगी महिला जनप्रतिनिधि
उत्‍तराखंड में चुनावी गणित बनाने-बिगाडऩे में अहम होंगी महिला जनप्रतिनिधि

गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : चुनावी दंगल में चेहरों को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है, मगर वोटरों को रिझाने का दौर शुरू हो चुका है। संभावित उम्मीदवार घर-घर बैठक और जनसंपर्क में जुटे हुए हैं। इन कार्यक्रमों में पुरुषों की उपस्थिति ही ज्यादा नजर आती है, लेकिन प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर चुनावी गणित को बनाने व बिगाडऩे में महिला जनप्रतिनिधियों की अहम भूमिका होंगी। उत्तराखंड में 7426 ग्राम पंचायतों में से 3743 पर महिलाओं का कब्जा है। यानी बतौर प्रधान गांव के मुखिया का जिम्मा इन्हीं पर है। ऐसे में गांव की इन जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।

आरक्षण और नेतृत्व क्षमता की वजह से 2019 के पंचायत चुनाव में आधी और कुछ जगहों पर उससे ज्यादा सीटों पर मातृशक्ति ने परचम लहराया था। ग्राम प्रधान की 3743, क्षेत्र पंचायत सदस्य की 1492, जिला पंचायत सदस्य की 178 और वार्ड मेंबर की 27787 सीट आरक्षण की वजह से महिलाओं के खाते में गई। आरक्षण के इतर भी महिलाओं ने दम दिखा पुरुष प्रत्याशियों को चुनाव में मात दी थी। वहीं, विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों के महिला मोर्चा सक्रिय हो चुके हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रदेश सहप्रभारी की जिम्मेदारी पार्टी ने महिला को दी है। चुनाव के दौरान महिला वोटरों का झुकाव जिस दल की ओर होगा, उसका पलड़ा भारी होना स्वाभाविक है।

भाजपा ने 70 सीटों पर महिला प्रभारी नियुक्त किए

उत्तराखंड में मातृशक्ति का साथ पाने के लिए सत्ता से लेकर विपक्ष भी जुटा है। भाजपा ने पार्टी की गतिविधियों में इनकी भूमिका बढ़ाने के लिए हर सीट पर अलग से महिला प्रभारियों की नियुक्ति की है। वहीं, कांग्रेस से जुड़ी महिलाओं को उम्मीद है कि यूपी के फार्मूले के हिसाब से टिकट हासिल करने में उनकी संख्या भी इस बार बढ़ेगी। हालांकि, अभी तक महिलाओं से जुड़ा कोई बड़ा कार्यक्रम पार्टी ने नहीं किया। हालांकि, पूर्व सीएम पेंशन या अन्य योजनाओं के जरिये इन्हें रिझाने में जुटे हैं।

वीवीआइपी जिले में अध्यक्ष और चार प्रमुख

नैनीताल जिपं अध्यक्ष के अलावा ब्लाक प्रमुख की आठ में से चार सीटों पर महिलाओं का कब्जा है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिला वोटरों की संख्या 181997 हैं। 2019 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान इन महिला मतदाताओं का वोट प्रतिशत लगभग पुरुषों के बराबर ही था। ऐसे में चुनाव के दौरान हार-जीत तय करने में आधी आबादी की अहम भूमिका होंगी। सबसे ज्यादा महिला वोटर 46064 हल्द्वानी ब्लाक व कम 11345 धारी ब्लाक में हैं।

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