भोजनमाताओं को मानदेय, नौनिहालों को मिलेगा एमडीएम भत्ता
समग्र शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक डा. मुकुल कुमार सती ने आदेश जारी करते हुए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (प्रारंभिक) से पहली से आठवीं तक के बच्चों को मई माह में एमडीएम के बदले खाद्य सुरक्षा भत्ता दिए जाने को कहा है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कोरोना संक्रमण के चलते लागू किए गए कफ्र्यू में स्कूल बंद हैं। नियमानुसार स्कूल बंद होने की अवधि में भी पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना का लाभ दिया जाना जरूरी है। बुधवार को समग्र शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक डा. मुकुल कुमार सती ने आदेश जारी करते हुए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (प्रारंभिक) से पहली से आठवीं तक के बच्चों को मई माह में एमडीएम के बदले खाद्य सुरक्षा भत्ता दिए जाने को कहा है। साथ ही कहा है कि इन विद्यालयों में एमडीएम के तहत रखी गई भोजनमाताओं को भी मानदेय का भुगतान अनिवार्य तौर पर किया जाए।
25 हजार भोजन माताओं को मिलेगा मानदेय
उत्तराखंड में वर्तमान में सरकारी स्कूलों में 27 हजार भोजनमाताएं कार्यरत हैं। नियमानुसार इन भोजनमाताओं को प्रति माह दो हजार रुपये मानदेय मिलता है।
आठ लाभ नौनिहालों को मिलेगा चावल
राज्य के 16,923 विद्यालयों में एमडीएम योजना संचालित हो रही है। इनमें पढऩे वाले करीब आठ लाख नौनिहालों को स्कूल खुले होने पर पका हुआ भोजन परोसा जाता है मगर, स्कूल बंद (सरकारी अवकाश छोड़कर) होने की स्थिति में इन बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता दिया जाता है। साथ ही चावल भी मिलता है। प्राथमिक यानी कक्षा एक से पांचवी तक के बच्चों को 4.8 किलो चावल व जूनियर यानी छह से आठवीं तक के बच्चों को 7.20 किलो चावल दिया जाता है।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें