पेयजल के लिए बचीनगर की महिलाओं ने जेई को घेरा
पांच दिन से खराब नलकूप की मरम्मत का काम शुरू न होने और जलसंस्थान की ओर से पेयजल आपूर्ति की ठोस वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से बचीनगर की महिलाएं शुक्रवार को भड़क गई। पूर्व प्रधान के नेतृत्व में ऊंचापुल स्थित जलसंस्थान कार्यालय पहुंचकर जेई का घेराव व प्रदर्शन किया गया।
हल्द्वानी, जेएनएन: पांच दिन से खराब नलकूप की मरम्मत का काम शुरू न होने और जलसंस्थान की ओर से पेयजल आपूर्ति की ठोस वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से बचीनगर की महिलाएं शुक्रवार को भड़क गई। पूर्व प्रधान के नेतृत्व में ऊंचापुल स्थित जलसंस्थान कार्यालय पहुंचकर जेई का घेराव व प्रदर्शन किया गया। कम से कम दो टैंकरों से रोजाना पानी बंटवाने की मांग करते हुए जलसंकट का स्थायी समाधान न होने पर बिल नहीं देने का एलान किया है। गांव को जलापूर्ति करने वाले नलकूप की मोटर ढाई माह के भीतर 20 सितंबर को तीसरी बार फुंक गई। तब से गांव के करीब साढ़े तीन सौ परिवारों के घरों में जलापूर्ति ठप है।
ऊंचापुल कार्यालय पहुंची महिलाओं ने कहा कि जलसंस्थान के टैंकर कागजों में पेयजल बांट रहे हैं। उनके गांव में केवल एक दिन ही टैंकर से पानी बंटवाया गया। लोगों को मजबूरन पांच सौ रुपये खर्च कर निजी टैंकर संचालकों से पानी खरीदना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों से पेयजल का बिल जलसंस्थान वसूल करता है और नलकूप खराब होने पर मरम्मत की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग पर डालकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। पूर्व प्रधान वीरेंद्र सिंह रावत, ग्राम प्रधान प्रेमा रावत समेत महिलाओं ने जेई रजत कबडवाल का घेराव कर अधिशासी अभियंता को ज्ञापन भेजा। प्रदर्शन में विमला बोरा, ललिता नेगी, मंजू पांडे, मंजू बोरा, मंजू फस्र्वाण, पुष्पा सामंत, इंदिरा रौतेला, पुष्पारावत कमला पंडित, प्रभा लोहनी, माया देवी, शकुंतला देवी, ऊषा बनिया, योगिता तोमकयाल, सोनू सामंत आदि शामिल थीं।
चार टैंकरों से बंटा पानी
हिम्मतपुर तल्ला और छड़ायल सुयाल को जलापूर्ति करने वाले नलकूपों की मरम्मत का काम शुक्रवार को भी जारी रहा। जलसंस्थान के अवर अभियंता एमसी सती ने बताया कि दोनों क्षेत्रों में दो-दो टैंकरों से पानी बंटवाया गया। वहीं, अवर सहायक अभियंता पंकज उपाध्याय ने बताया कि कुसुमखेड़ा और दमुवाढूंगा की कॉलोनियों में पेयजल किल्लत की समस्या आने पर एक-एक टैंकर की डयूटी लगाकर पानी बंटवाया गया है।