अनबन, कहासुनी और शक की वजह से टूटे रिश्ताेें को महिला हेल्पलाइन ने काउंसलिंग कर मिलाया

पति-पत्नी के बीच अनबन व शक की वजह से रिश्ते टूटने की नौबत तक पहुंचने लगे हैं। पुलिस की महिला हेल्पलाइन ऐसे रिश्तों को जोडऩे की मुहिम चला रही है। जनवरी से अब तक महिला हेल्पलाइन की ओर से करीब 200 टूटे परिवारों को मिलाकर एक किया जा चुका है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 14 Jul 2021 07:01 AM (IST) Updated:Wed, 14 Jul 2021 07:01 AM (IST)
अनबन, कहासुनी और शक की वजह से टूटे रिश्ताेें को महिला हेल्पलाइन ने काउंसलिंग कर मिलाया
महिला हेल्पलाइन ने 200 परिवारों को काउंसलिंग कर मिलाया

मनीस पांडेय, हल्द्वानी : पति और पत्नी के बीच अनबन, कहासुनी व शक की वजह से रिश्ते टूटने की नौबत तक पहुंचने लगे हैं। पुलिस की महिला हेल्पलाइन ऐसे रिश्तों को जोडऩे की मुहिम को बखूबी अंजाम दे रही है। जनवरी से अब तक महिला हेल्पलाइन की ओर से करीब 200 टूटे परिवारों को मिलाकर एक किया जा चुका है। खास बात यह है कि ऐसे जोड़ों को हेल्पलाइन एक पौधा भी भेंट करती है। गमले में दोनों के नाम भी लिखे हुए हैं और उन्हें इस पौधे को मिलजुल प्यार से सींचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह पौधा हेल्पलाइन में ही रखा रहेगा और इसे हरा-भरा रखने की जिम्मेदारी पुलिस के साथ ही दंपती को भी दी गई है।

पुलिस की महिला हेल्पलाइन डेस्क की ओर से पारिवारिक विवाद एवं पति-पत्नी के बीच अनबन को सुलझाने के लिए नियमित काउंसलिंग की जाती है। हल्द्वानी में रोजाना आठ से 10 ऐसे मामलों की सुनवाई हो रही है। हेल्पलाइन की प्रभारी निरीक्षक ललिता पांडेय ने बताया कि ऐसे मामलों में मुकदमेबाजी व कोर्ट-कचहरी के चक्कर में अक्सर रिश्ते बिखर जाते हैं। जिसका खामियाजा दो-दो परिवारों को भुगतना पड़ता है। साथ ही उनके बच्चों के करियर पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। हेल्पलाइन दोनों पक्षों को सुनने के बाद उनकी गलतफहमियां दूर करने का काम करती है। हेल्पलाइन टीम में तनुजा हयांकी, पार्वती टम्टा, सपना नेगी, कमला गोस्वामी, दलजीत कौर, रेनू सिंह, नीतू पांडेय, समरजीत कौर अलग-अलग स्तर से दोनों पक्षों काउंसलिंग का कार्य कर रहे हैं।

90 फीसद मामले मारपीट के

महिला हेल्पलाइन तक पहुंचने वाले 90 फीसद मामले मारपीट के हैं। जिसमें से ज्यादातर पुरुषों की ओर से महिलाओं के साथ मारपीट के हैं। जिसमें मायके वालों से अधिक संपर्क, एक-दूसरे के प्रति शक और मोबाइल पर बातचीत प्रमुख कारण हैं। निरीक्षक ललिता पांडेय ने बताया कि दोनों पक्षों की काउंसलिंग के बाद हमने उनके नाम से एक पौधा संरक्षित करने का प्रयास किया है। इसके पीछे उद्देश्य पौधे का उदाहरण देते हुए उन्हें भविष्य में मिलजुल प्रेम से रहने की प्रेरणा देना है।

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