महिला ग्राम प्रधान बनी नजीर, दुबाई से लौटे सॉफ्टवेयर इंजीनियर पति को किया क्वारंटाइन
दूसरों को जागरूकता का ज्ञान बांटने की बजाय हमें खुद भी उस पर अमल करना चाहिए। इसका सबसे बड़ा उदाहरण गौलापार के जगतपुर गांव की ग्राम प्रधान पुष्पा भट्ट हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : दूसरों को जागरूकता का ज्ञान बांटने की बजाय हमें खुद भी उस पर अमल करना चाहिए। इसका सबसे बड़ा उदाहरण गौलापार के जगतपुर गांव की ग्राम प्रधान पुष्पा भट्ट हैं। पुष्पा के पहले बच्चे का गुरुवार को नामकरण था। इंजीनियर पति सात महीने बाद दुबई से खुशियों में शामिल होने आया था, लेकिन प्रधान होने का फर्ज निभाते हुए पुष्पा ने गांव के अंदर एंट्री देने की बजाय पति को प्राइमरी स्कूल में क्वारंटाइन करना बेहतर समझा। पति ने भी गांव के प्रति पत्नी की जिम्मेदारी को समझते हुए बैग पकड़ा और सीधा स्कूल पहुंच गया।
जगतपुर निवासी योगेश भट्ट मर्चेंट नेवी में इंजीनियर के पद पर तैनात है। पत्नी पुष्पा भट्ट प्रधान है। दुबई से मुंबई पहुंचाने के बाद योगेश 14 दिन वहीं क्वारंटाइन रहा। एहतियात के तौर पर उसने कोविड टेस्ट भी करवाया। जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई।
जिसके बाद दिल्ली पहुंचा और दोपहर में गाड़ी बुक कर गौलापार आ गया। कुछ दिन पहले योगेश की पत्नी पुष्पा ने स्वस्थ्य बच्चे (लड़के) को जन्म दिया था। गुरुवार को घर में नामकरण कार्यक्रम था। योगेश ने जैसे ही सूचना दी कि वह गांव पहुंचने वाला है तो पूरा परिवार खुश हो गया। क्योंकि एक तो वह सात महीने बाद घर आ रहा था दूसरा बेटे के नामकरण का मौका।
हालांकि, प्रधान होने की जिम्मेदारी को निभाते हुए पुष्पा ने पति से कहा कि जब बाहर से आए अन्य लोगों को वह क्वारंटाइन होने को कह रही है तो खुद भी इस नियम का पालन करना चाहिए। जिसके बाद योगेश सामान लेकर जगतपुर के प्राइमरी स्कूल पहुंचा और 14 दिन के लिए क्वारंटाइन हो गया। बड़े भाई दीप भट्ट ने बताया कि नामकरण में सबसे छोटा भाई और पेशे से अधिवक्ता राहुल बैठा था। महिला ग्राम प्रधान पुष्पा के इस निर्णय की पूरा गांव सराहना कर रहा है।
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