अल्‍मोड़ा में डाक्टरों को हत्यारा कहने पर भड़कीं महिला चिकित्सक व नर्सेज

सप्ताहभर पूर्व महिला चिकित्सालय से रेफर की गई प्रसूता ने रास्ते में दम तोड़ दिया था। इससे तीमारदार भड़क उठे। इस मामले में जांच भी चल रही है। चिकित्सकों का आरोप है कि उन्हें हत्यारा कहा गया। इसी बात को लेकर विवाद है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 17 Feb 2021 08:18 PM (IST) Updated:Wed, 17 Feb 2021 08:18 PM (IST)
अल्‍मोड़ा में डाक्टरों को हत्यारा कहने पर भड़कीं महिला चिकित्सक व नर्सेज
गंभीर रोगियों को रेफर किए जाने पर डाक्टरों के खिलाफ जांच कराई जाती है।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : हाल में प्रसूता की मौत के बाद चिकित्सकों के खिलाफ नारेबाजी व कथित तौर पर हत्यारा कहे जाने का मामला तूल पकड़ गया है। आक्रोशित महिला चिकित्सकों व नर्सेज ने छह घंटे तक ओपीडी ठप रखी। हालांकि आपातकालीन चिकित्सा का बहिष्कार नहीं किया गया। उनका तर्क था कि गंभीर रोगियों को भर्ती कराने को सियासी दबाव डाला जाता है। मरीज को उच्च चिकित्सा के लिए रेफर करने की सलाह पर अभद्रता की जाती है। हालांकि सीएमएस व प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ अध्यक्ष के मनाने पर वे काम पर लौट आईं। मगर दो टूक कहा कि यदि चिकित्सकों के साथ दुव्र्यवहार रोकने को कड़े कदम न उठाए गए तो एक मार्च से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा।

सप्ताहभर पूर्व महिला चिकित्सालय से रेफर की गई प्रसूता ने रास्ते में दम तोड़ दिया था। इससे तीमारदार भड़क उठे। इस मामले में जांच भी चल रही है। चिकित्सकों का आरोप है कि उन्हें हत्यारा कहा गया। बीच में मामला दबा रहा। बीते मंगलवार को इसी सिलसिले में सीएमओ को पत्र लिख ठोस समाधान का आग्रह किया गया था। इधर, पूर्व घोषणा के अनुरूप गुरुवार को अचानक महिला अस्पताल की सभी चिकित्सक व नर्स ने प्रात: आठ बजे ओपीडी बहिष्कार का एलान कर दिया। उनका कहना था कि पूर्व में भी कई प्रकरण हुए जब चिकित्सकों के खिलाफ अपशब्द कहे गए। कहा कि मरीज को बचाने की हरसंभव कोशिश की जाती है, लेकिन अप्रिय घटना पर पूरा दोष चिकित्सकों पर मढ़ दिया जाना गलत है।

डाक्टर बोलीं टूट रहा है मनोबल

महिला चिकित्सकों ने मांग उठाई कि बेवजह सियासी दबाव न बनाया जाए गंभीर रोगियों को रेफर किए जाने पर डाक्टरों के खिलाफ जांच कराई जाती है। इससे मनोबल टूट रहा है। उन्होंने गेट पर सुरक्षा कर्मी तैनात करने पर भी जोर दिया। सीएमएस डा. प्रीति पंत व प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ अध्यक्ष डा. सीएच मार्छाल ने चिकित्सकों व नर्सेज की बात को जायज ठहराया। साथ ही काम पर लौटने का आग्रह किया। इस पर मामला शांत हुआ। मगर स्थायी समाधान न होने पर एक मार्च से पूरी तरह कार्य बहिष्कार की चेतावनी भी दी। इस मौके पर डा. कमल सिंह, डा. हेमा रावत, डा. ऊषा खाती, डा. हेमलता, सरिता सनवाल, शांति, शालिनी, कमला, उपदेश, करन आदि मौजूद रहे।

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