आत्मनिर्भर बन दूसरों का पेट भर रही महिलाएं
शेल्टर होम से लेकर क्वारंटाइन सेंटर में ठहरे लोगों के लिए खाना बनाने की जिम्मेदारी अब महिलाओं के पास है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: शेल्टर होम से लेकर क्वारंटाइन सेंटर में ठहरे लोगों के लिए खाना बनाने की जिम्मेदारी अब महिलाओं के पास है। डीएम के आदेश पर महिला संगठन को यह काम सौंपा गया है, ताकि वह खुद भी आत्मनिर्भर बन सकें और सेंटरों में रहने वाले लोगों को बेहतर भोजन मुहैया हो। सुबह से देर रात स्टेडियम में बनी कैंटीन में परिवार के लोगों संग महिलाएं मेहनत करती हैं। रोजेदारों के लिए शाम को इफ्तारी व देर रात सहरी का इंतजाम भी किया जाता है।
बागजाला, एफटीआइ, स्टेडियम से लेकर कई जगहों पर लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। इनके चाय से लेकर खाने की पूरी व्यवस्था प्रशासन करता है। चार दिन पूर्व खाना बनाने की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंप दी गई। अब तक करीब सात सौ लोगों की डाइट उपलब्ध करा दी गई है। पूजा स्वयं सहायता समूह विदरामपुर चकुलवा की ऊषा देवी ने बताया कि छोटे-छोटे समूह जोड़कर संगठन बनाया जाता है। यह काम मनसा देवी ग्राम संगठन कालाढूंगी को मिला है। अब स्टेडियम में बनी कैंटीन में रेनू देवी, तुलसी देवी, हेमा देवी के साथ सुबह से जुट जाती हैं। परिवार के सदस्य भी हाथ बंटाते हैं। सहरी तैयार करने में रात के डेढ़ बज जाते हैं, जिस वजह से सभी लोग स्टेडियम में ही रुकते हैं। महिलाओं ने बताया कि प्रशासन उन्हें हरसंभव मदद देता है।
इधर फईम जेबा सलमानी पार्षद व पूर्व सभासद शकील अहमद सलमानी की बेटियां इकरा सलमानी और सिमरन सलमानी ने ईद पर गरीबों में राशन बांटा है। दोनों बेटियों ने साल भर से ईद के लिए जमा किए गए पैसों से इन गरीब परिवारों तक खुशियां पहुंचाई। अपने माता-पिता को निरंतर गरीब व असहाय लोगों की मदद करता देख इकरा और सिमरन के मन में भी लोगों की सहायता करने का विचार आया।